Joharlive Team
- देवघर पथ प्रमंडल में बिटुमिन घोटाले के आरोपी है जयप्रकाश सिंह
- वर्ष 2013 से ही अभियंता के खिलाफ चल रही है निगरानी जांच
रांची। पथ निर्माण विभाग में मलाईदार सीटों पर चलने वाला खेल रूकने का नाम नहीं ले रहा है। इस विभाग में आये दिन अजीबोगरीब कहानियां सामने आती रही है। यह सब खेल अभियंताओं द्वारा मलाईदार पद हथियाने के लिए किया जाता रहा है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जहाँ बिटुमिन और अन्य घोटालों में शामिल रहे पथ निर्माण के केंद्रीय निरूपण संगठन अधीक्षण अभियंता जयप्रकाश सिंह अब ग्रामीण कार्य विभाग का प्रभारी मुख्य अभियंता बनने के लिए एडीचोटी एक किये हुये है। जयप्रकाश सिंह पथ निर्माण में प्रभारी मुख्य अभियंता यातायात सांठगांठ से बने हुये थे। इसकी जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिंह को अवनति करते हुये अधीक्षण अभियंता पथ निर्माण केंद्रीय निरूपण बना दिया।
पथ निर्माण विभाग में अवनति होने पर सिंह अब ग्रामीण कार्य विभाग मे मुख्य अभियंता बनने के लिए प्रयास कर रहे है। एक बार फिर फाइल मुख्यमंत्री के पास भेजी गयी है। इतना ही नहीं जयप्रकाश सिंह दो जगहों पर बने हुये है। हजारीबाग पथ अंचल से चार महीना पहले इनका स्थानांतरण केंद्रीय निरूपण रांची हुआ था। लेकिन अब तक प्रभार नहीं सौंपे है। जय प्रकाश सिंह के खिलाफ देवघर मे कार्यपालक अभियंता पद पर रहते हुये गड़बड़ी किये जाने के कारण निगरानी जांच भी चल रही है। देवघर में घोड़मारा से बंदिया पथ निर्माण के दौरान बिना बाउचर के संवेदक को भुगतान करने की जांच चल रही है। मोबलाइजेशन एडवांस गलत ढंग से देने का भी मामला है। जयप्रकाश सिंह रांची, हजारीबाग, रामगढ़ और दुमका में कार्यपालक अभियंता पद पर लगातार कार्य विभाग में रहे और कई वित्तीय अनियमितता की है।