Joharlive Desk
मुजफ्फरपुर। बिहार के कई जिलों में आई बाढ़ ने कई लोगों को बेघर कर दिया है। अपने आशियानों को पानी में डूबते दृश्यों को खुद निहार चुके लोग अब अपना आशियाना सड़कों के किनारे बना चुके हैं। कभी गांवों में शान से जीने वाले ये लोग आज अपने पालतू जानवरों के साथ सड़कों के किनारे रहने को विवश हैं।
बाढ़ के कारण तटबंधों और सड़क के किनारे तंबू और कपड़ा टांगकर रहने को विवश इन लोगों को ना अब प्रशसन से आस है और ना ही सरकार से। ये लोग बस गांव से पानी उतरने के इंतजार में अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं कि पानी कम होगी तो ये गांव में पहुंचकर उजड़ चुकी गृहस्थी को फिर से बसाएंगे।
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 77 पर झोपड़ी बनाकर रह रहे गायघाट निवासी शंकर महतो ने कहा, “हमलोगों को प्रशासन और राजनीतिक नेताओं से अब आस नहीं है। हम बस बाढ़ के पानी के उतरने का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक किसी ने भी सहायता पहुंचाने के लिए यहां नहीं आया है।”