Patna : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी. पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि RJD ने सोमवार को इस मुद्दे पर पहली याचिका दायर करेगी. उन्होंने कहा कि इसके बाद विभिन्न संगठनों की ओर से भी अर्जियां दायर की जाएंगी. मनोज झा ने इस कानून को असंवैधानिक और सौहार्द के खिलाफ करार दिया है.
BJP की ध्रुवीकरण की राजनीति : तेजस्वी
मनोज झा ने यह भी कहा कि यह कानून संविधान की मूल भावना का उल्लंघन करता है और यह समाज में सौहार्द को खराब करने की साजिश है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर जल्द सुनवाई करेगा. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा इस बिल को मंजूरी दिए जाने पर उन्होंने कहा, “यह सरकार की प्रक्रिया है, हम अपना अधिकार निभा रहे हैं.”
RJD के नेता तेजस्वी यादव ने पहले ही कहा था कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है, तो इस बिल को कूड़े में फेंक दिया जाएगा और बिहार में इसे लागू नहीं किया जाएगा. तेजस्वी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर ध्रुवीकरण की राजनीति करने का आरोप भी लगाया और कहा कि BJP बेरोजगारी, गरीबी और पलायन जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाकर देश को बांटना चाहती है.
कौन-कौन दल दायर कर चुकी है याचिका
इससे पहले कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान, और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की पार्टी द्रमुक ने भी इस विधेयक को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इन नेताओं और संगठनों का कहना है कि यह विधेयक धार्मिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा सकता है.
वक्फ कानून को राष्ट्रपति की मंजूरी
वक्फ (संशोधन) विधेयक को संसद से मंजूरी मिलने के बाद अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे विधायी रूप से मंजूरी दे दी है. यह विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ कानून का रूप ले चुका है. शुक्रवार को राज्यसभा ने इसे 128 वोटों से पारित किया था, जबकि लोकसभा में भी इस पर लंबी बहस के बाद 288 सांसदों ने इसके पक्ष में और 232 सांसदों ने विरोध में मतदान किया था.
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