पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के छोटे साले साधु यादव की मुश्किलें बढ़ गई हैं. 23 साल पुराने मामले में अब पूर्व विधायक साधु यादव को सरेंडर करना होगा. न्यायमूर्ति संदीप कुमार की खंडपीठ ने साधु की आपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें सरेंडर करने का निर्देश दिया. लंबी सुनवाई के बाद जिला जज ने उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया और उनकी अपील याचिका भी खारिज कर दी. जिसके खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. अब इस मामले में हाई कोर्ट ने उन्हें सरेंडर करने का आदेश जारी कर दिया है. मामले में अगली सुनवाई 16 मई को होगी.

23 साल पुराने मामले में फैसला

2001 के मामले में पटना की एमपीएमएलए कोर्ट ने उन्हें 3 साल की सजा सुनाई थी. जनवरी 2001 में साधु यादव के खिलाफ संयुक्त परिवहन कार्यालय में अधिकारियों के साथ गोलीबारी कर दहशत फैलाने, रंगदारी नहीं देने पर मारपीट करने, सरकारी काम में बाधा डालने समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. 23 साल पुराने मामले में पटना हाई कोर्ट के फैसले के बाद अब साधु यादव को कोर्ट में सरेंडर करना होगा या फिर ऊपरी अदालत में इस फैसले के खिलाफ अपील करनी होगी. साधु यादव 2000 से 2004 तक विधायक रहे.

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