रांची : डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामला बहुचर्चित चारा घोटाला केस में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव को दोषी करार दिया है. लालू कितने समय जेल में रहेंगे अदालत इस पर 21 फरवरी को सुनवाई करेगी. मंगलवार को चारा घोटाला केस में सीबीआई कोर्ट के फैसले के समय बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव अपने वकील प्रभात कुमार के साथ अदालत परिसर में मौजूद रहे. सीबीआई के वकील ने कहा, लालू प्रसाद को दोषी ठहराया गया है.

विशेष सीबीआई के न्यायाधीश एस के शशि की अदालत ने प्रसाद सहित 99 आरोपियों के खिलाफ सुनवाई पूरी की थी, जो पिछले साल फरवरी से चल रही थी. अंतिम आरोपी डॉ शैलेंद्र कुमार की ओर से बहस 29 जनवरी को पूरी हुई. अदालत ने गत 29 जनवरी को दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. सभी आरोपियों को फैसले के दिन अदालत में प्रत्यक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया गया था.

24 आरोपी बरी, 36 को तीन साल या उससे कम सजा
डोरंडा कोषागार से अवैध निकासी मामले में कुल 99 आरोपी थे. इनमें से 24 आरोपियों को सीबीआई कोर्ट ने मंगलवार को बरी कर दिया. जगदीश शर्मा और ध्रुव भगत समेत 36 दोषियों को 3 साल या इससे कम की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई गई है. लालू समेत 39 आरोपियों की सजा पर 21 फरवरी को सुनवाई होगी.

मंगलवार को दोषी करार दिए गए लोगों का विवरण-

  • अशोक कुमार साहू- तीन साल की जेल और 50 हजार रुपया जुर्माना
  • सुनील कुमार सिन्हा- तीन साल की जेल और दो लाख रुपये जुर्माना
  • मो. तौहीद- तीन साल की जेल और 75 हजार रुपये का जुर्माना
  • श्यामानंद, नंद किशोर प्रसाद, संदीप मल्लिक, अशोक कुमार सिन्हा– तीन साल की जेल और जुर्माना

लालू को 14 साल जेल, 60 लाख का जुर्माना
950 करोड़ रुपये का यह घोटाला अविभाजित बिहार के विभिन्न जिलों में धोखाधड़ी कर सरकारी खजाने से सार्वजनिक धन की निकासी से संबंधित है. बता दें कि लालू प्रसाद को इससे पहले चारा घोटाला के चार अन्य मामलों में 14 साल जेल की सजा सुनाई जा चुकी है. इसके अलावा कुल 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

दूसरे मामलों में लालू को जमानत
राजद सुप्रीमो लालू को चारा घोटाला से जुड़े- दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार वाले केसों में जमानत मिल गई है. अप्रैल, 2021 में चारा घोटाला मामले में झारखंड उच्च न्यायालय से लालू को जमानत मिली थी. चारा घोटाला से संबंधित एक मामला- दुमका कोषागार से धोखाधड़ी कर निकासी का है. इसी मामले में लालू को हाईकोर्ट से जमानत मिली थी.

फॉडर स्कैम का एक मामला चाईबासा ट्रेजरी घोटाला है. इस मामले में अक्टूबर, 2020 में, जबकि देवघर ट्रेजरी घोटाला में फरवरी, 2020 में लालू को जमानत मिली थी. 1990-97 के बीच बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल में ही दुमका कोषागार से धोखाधड़ी का मामला भी सामने आया. सीबीआई जांच के बाद अदालत ने लालू को दुमका कोषागार से 3.5 करोड़ रुपये निकालने के दोषी पाया.

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