रांची। 950 करोड़ रुपए के देश के बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े (डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए के गबन) केस में मंगलवार को फैसला आ गया। CBI की विशेष अदालत ने RJD सुप्रीमो लालू यादव सहित 75 आरोपियों को दोषी करार दिया है। वहीं, 24 लोगों को बरी कर दिया। सजा का ऐलान 21 फरवरी को होगा। RJD सुप्रीमो को कोर्ट की ओर से दोषी करार देते ही पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद उनके वकील के अनुरोध पर उन्हें जेल न भेजकर RIMS में भेजा गया। 21 फरवरी तक वह यहीं रहेंगे। जैसे ही RJD सुप्रीमो के दोषी करार देने की सूचना बाहर आई पटना से लेकर रांची तक उनके समर्थकों में मायूसी छा गई। कोर्ट परिसर RJD नेताओं से पटा है। पुलिस का पहरा सख्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है मंगलवार को कोर्ट ने 3 साल से कम वालों को सजा सुनाया है।
लालू सहित 10 लोगों की सजा अलग से सुनाई जाएगी। ऐसे में यह माना जा रहा है लालू को 3 साल से अधिक की सजा हो सकती है। हाईकोर्ट के सीनियर वकील राजनीति प्रसाद ने बताया, ‘लालू यादव के क्वेश्चन ऑफ सेंटेंस पर 21 फरवरी को फैसला होगा। मेडिकल टर्म पर उन्हें रिम्स शिफ्ट करने की बात हो रही है।’ बता दें, इससे पहले चारा घोटाले के 4 मामले (देवघर के एक, दुमका ट्रेजरी के दो अलग-अलग और चाईबासा ट्रेजरी से संबंधित दो मामलों में) लालू दोषी करार दिए जा चुके हैं। अभी पहले के सभी मामलों में जमानत पर बाहर थे, लेकिन मंगलवार को कोर्ट के आए फैसले से उन्हें एक बार फिर जेल जाना होगा।
29 जनवरी को CBI के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने बहस पूरी होने के बाद 15 फरवरी को फैसले की तारीख निर्धारित की थी। सभी आरोपियों को कोर्ट में स्वयं हाजिर होने का आदेश दिया था। सुनवाई में उपस्थित रहने के लिए लालू 2 दिन पहले 13 फरवरी को ही रांची पहुंच गए थे। कोर्ट में सुनवाई से पहले लालू के वकील प्रभात कुमार ने कहा था, ‘अभियुक्तों की उम्र 75 वर्ष से अधिक है। लालू यादव जेल जाने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में कोर्ट से राहत की उम्मीद है। पहले वाले केस में स्थितियां अलग थीं, आज अलग हैं।’
इधर, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी के आवास में हैं। लालू प्रसाद यादव की पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी पटना में ही हैं। लालू प्रसाद की बड़ी बेटी मीसा भारती रांची में अपने पति के साथ हैं। डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी के इस मामले में पशुओं को फर्जी रूप से स्कूटर पर ढोने की कहानी है। यह उस वक्त का देश का पहला मामला माना गया जब बाइक और स्कूटर पर पशुओं को ढोया गया हो। यह पूरा मामला 1990-92 के बीच का है। CBI ने जांच में पाया कि अफसरों और नेताओं ने मिलकर फर्जीवाड़े का अनोखा फॉमूर्ला तैयार किया। 400 सांड़ को हरियाणा और दिल्ली से कथित तौर पर स्कूटर और मोटरसाइकिल पर रांची तक ढोया गया, ताकि बिहार में अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पैदा की जा सकें। पशुपालन विभाग ने 1990-92 के दौरान 2,35, 250 रुपए में 50 सांड़, 14, 04,825 रुपए में 163 सांड़ और 65 बछिया खरीदीं।
इतना ही नहीं, विभाग ने इस दौरान क्रॉस ब्रीड बछिया और भैंस की खरीद पर 84,93,900 रुपए का भुगतान मुर्रा लाइव स्टॉक दिल्ली के दिवंगत प्रोपराइटर विजय मलिक को की थी। इसके अलावा भेड़ और बकरी की खरीद पर भी 27,48,000 रुपए खर्च किए थे। इस घोटाले की खास बात है कि जिस गाड़ी नंबर को विभाग ने पशुओं को लाने के लिए रजिस्टर में दर्शाया था वह सभी स्कूटर और मोपेड के थे। CBI ने जांच में पाया है कि लाखों टन पशुचारा, भूसा, पुआल, पीली मकई, बादाम, खली, नमक आदि स्कूटर, मोटरसाइकिल और मोपेड पर ढोए गए। देश के सभी राज्यों के करीब 150 DTO और RTO से गाड़ी नंबर की जांच कराकर जांच टीम ने सबूत जुटाए हैं।
इसी तरह, हरियाणा से बढ़िया नस्ल के सांड़, बछिया और हाईब्रिड भैंस भी कथित तौर पर स्कूटर से ही झारखंड लाए गए थे, ताकि यहां अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पैदा की जा सकें। इस मामले में 575 गवाहों का बयान दर्ज कराने में CBI को 15 साल लग गए। 99 आरोपियों में 53 आरोपी आपूर्तिकर्ता हैं, जबकि 33 आरोपी पशुपालन विभाग के तत्कालीन अधिकारी और कर्मचारी हैं। वहीं, 6 आरोपी तत्कालीन कोषागार पदाधिकारी हैं, जबकि मामले के 6 आरोपी ऐसे हैं जिन्हें CBI आज तक नहीं खोज सकी है। सोमवार को लालू की बड़ी बेटी मीसा भारती रांची पहुंची थी। राजकीय अतिथिशाला में उन्होंने लालू प्रसाद से मुलाकात कर सिर्फ इतना कहा था कि उनके पिता की तबीयत खराब है।