नई दिल्ली : एनआईए की वॉन्टेड लिस्ट में 3 लाख के इनामी संदिग्ध आतंकी रिजवान के बारे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. स्पेशल सेल की रिमांड में चल रहे रिजवान और उसके पुणे मॉड्यूल के बाकी सदस्य आईईडी तैयार करने के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे. सेल के सूत्रों से पता चला कि रिजवान और इसके ग्रुप के पहले पकड़े जा चुके आतंकियों की जांच के दौरान कथित तौर पर एक दस्तावेज से मिला था. इसमें आरोपी आईईडी विस्फोटक को बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायनों के लिए कोडवर्ड का इस्तेमाल करते थे. जैसे सल्फ्यूरिक एसिड के लिए सिरका, एसीटोन के लिए गुलाब जल और हाइड्रोजन पारॉक्साइड के लिए शरबत जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जाता था.
आधार कार्ड के जरिए खुला आतंकी लिंक
स्पेशल सेल सूत्रों के मुताबिक, पिछले साल 18 जुलाई में पुणे के शास्त्री नगर इलाके में लोकल पुलिस पट्रोलिंग पर थी. रात में लगभग 2.30 बजे बधाई चौक पर एक्सिस बैंक के एटीएम के पास आईएस के तीन युवकों को संदिग्ध एक्टिविटी और बाइक चोरी करते पकड़ा था. उनमें शाहनवाज पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था. जबकि बाकी दो संदिग्धों से पूछताछ और उनकी निशानदेही पर जो मिला. उससे आईएसआईएस पुणे मॉड्यूल का खुलासा हुआ. दोनों आरोपियों मोहम्मद इमरान खान और मोहम्मद यूनुस साकी के पास से तमाम आईएसआईएस दस्तावेजों के अलावा दरियागंज निवासी रिजवान का आधार कार्ड मिला था. जब इसकी पड़ताल की गई तो खुलासा हुआ कि जो हिरासत से भागा है, वो शाहनवाज है. रिजवान शाहनवाज का सबसे भरोसेमंद दोस्त है.
यूपी ATS और मुंबई पुलिस की होगी पूछताछ
सेल सूत्रों के मुताबिक, रिजवान इन दिनों भारत के खिलाफ अलग अलग सोशल मीडिया ऐप के जरिए लगातार आईएसआईएस मॉड्यूल में भर्ती होने के लिए प्रेरित कर रहा था. रिजवान फायर सेफ्टी एंड मैनेजमेंट का डिप्लोमा होल्डर है. आतंकी नेटवर्क का पता लगाने के लिए अब रिजवान से यूपी एटीएस टीम पूछताछ करेगी. अक्टूबर महीने में यूपी एटीएस ने एएमयू मॉड्यूल के एक दर्जन से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया था. पूछताछ में सभी का रिजवान से कनेक्शन निकलकर सामने आया। सूत्रों का दावा है कि पुणे मॉड्यूल में रिजवान के कहने पर ही एएमयू के पूर्व छात्रों एक वट्सऐप ग्रुप बनाया था. उसमें ये लोग कोडवर्ड में चैट करते थे. वहीं, यूपी एटीएस के बाद महाराष्ट्र एटीएस भी रिजवान से पूछताछ करने की तैयारी में है. रिजवान 12 दिन की रिमांड पर चल रहा है.