विवेक शर्मा
रांची : झारखंड के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स की व्यवस्था सुधारने को लेकर प्रबंधन रेस हो गया है. इसके तहत हॉस्पिटल में चल रहे लैब को अपग्रेड करने की तैयारी है. इसके लिए रिम्स प्रबंधन ने हाइटेक मशीनों के इंस्टालेशन के लिए टेंडर भी निकाल दिया है. वहीं, ये टेंडर अगले दस सालों के लिए होंगे. जिसमें मशीन के मेंटेनेंस से लेकर उसमें इस्तेमाल की जाने वाले केमिकल (रीएजेंट) की सप्लाई भी शामिल होगी. इससे रीएजेंट की सप्लाई के लिए रिम्स को इंतजार नहीं करना होगा. वहीं, मरीजों की जांच भी प्रभावित नहीं होगी. इतना ही नहीं, मरीजों को टेस्ट में लगने वाले भारी-भरकम खर्च से राहत मिलने वाली है.
4 हजार मरीजों का लोड
हॉस्पिटल में मरीजों की भीड़ बढ़ी है. नए विभागों के खुलने और डॉक्टरों के आने से मरीजों का भरोसा रिम्स पर बढ़ा है. ऐसे में हर दिन ओपीडी में 2000 से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं, इनडोर में भी मरीजों की संख्या 1800 के करीब रह रही है. अब इतनी संख्या में मरीजों के टेस्ट के लिए लैब को दुरुस्त किया जा रहा है.
सेंट्रल लैब की मशीन भी होगी चालू
हॉस्पिटल के ट्रामा सेंटर सह सेंट्रल इमरजेंसी में लगाई गई मशीन को भी जल्द ही चालू कर लिया जाएगा. इसके लिए प्रबंधन ने तैयारी कर ली है. वहीं, संचालन करने वाली एजेंसी को टेस्टिंग शुरू करने का निर्देश दिया गया है. बता दें कि बीच में रीएजेंट की सप्लाई नहीं होने के कारण कई महीनों तक ये मशीन बंद हो रहीं, जिसका खामियाजा इलाज के लिए आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ा. वहीं, टेस्ट के लिए मरीजों को मेडाल और प्राइवेट लैब में काफी पैसे भी खर्च करने पड़े. बता दें कि इस मशीन की कैपासिटी हर दिन 10 हजार सैंपल टेस्ट करने की है. वहीं, हर तीन घंटे में रिपोर्ट भी मरीजों को मिलेगी.
10 सालों के लिए टेंडर
-फुली आटोमेटेड फाइव पार्ट हेमैटोलॉजी एनालाइजर
-फ्लोर मॉडल फुली आटोमेटेड इंटेग्रेटेड बेस्ड इम्युनोएसे एंड क्लीनिकल केमेस्ट्री एनालाइजर
-एबीजी मशीन फॉर 4 साइट विद मैनपावर 24*7 के लिए