रांची : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में व्यवस्था सुधारने को लेकर प्रबंधन रेस है. डायरेक्टर डॉ राजकुमार ने खुद से मोर्चा संभाल लिया है. वहीं इस काम में सुपरिंटेंडेंट और डिप्टी सुपरिंटेंडेंट भी फुल सपोर्ट कर रहे है. यहीं वजह है कि अब मरीजों का पहले से बेहतर इलाज हो रहा है. इस बीच रिम्स डायरेक्टर ने एक और आदेश जारी किया है. जिसके तहत रिम्स में फाइल रोकने वाले अधिकारी या कर्मचारी को यह भारी पड़ सकता है. फाइल रोकने वालों को चिन्हित करते हुए उनपर कार्रवाई का आदेश डायरेक्टर ने जारी किया है. इतना ही नहीं कर्मचारियों से भावना में बहकर काम नहीं करने को कहा है. साथ ही यह भी आदेश दिया है कि किसी भी हाल में जेरॉक्स कागजात पर फाइल न बनाई जाए.

ऑफिस में लटकी थी फाइल

हॉस्पिटल में कार्यरत एक डॉक्टर का मामला सामने आने के बाद प्रबंधन ने फाइलों को नहीं रोकने का आदेश दिया है. बता दें कि एक डॉक्टर ने मेडिकल आधार पर छुट्टी ली थी. इसके बाद एक के बाद उनके साथ कुछ घटनाएं घटती गई. जिसकी सूचना उन्होंने ईमेल के माध्यम से संबंधित लोगों को दी. इसके बाद वह छुट्टी से लौटकर आई और ड्यूटी ज्वाइन कर लिया. तबतक उनकी एप्लीकेशन और फाइल डायरेक्टर के पास नहीं पहुंची थी. वहीं उनका पेमेंट भी रोक दिया गया था. इसकी इंक्वायरी जब की गई तो पता चला कि स्थापना शाखा में ही उनकी फाइल पेंडिंग थी.

ये भी दिया आदेश

डायरेक्टर ने अपने आदेश में कहा कि पूरी रिम्स की व्यवस्था स्थापना शाखा ही देखता है. इसलिए कोई भी एक दूसरे को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से काम न करे. स्थापना शाखा सभी प्रशासनिक कार्य देखता है इसलिए यहां के कर्मी भावनाओं में बहकर काम न करे. जो सही और कागजात के आधार पर ही कार्य करे. इसके अलावा डायरेक्टर ने निर्देश दिया कि किसी भी हाल में जेरॉक्स कागजात पर नई फाइल न बनाए. पूरी फाइल पढ़ने के बाद ही संबंधित अधिकारी व कर्मी टिप्पणी लिखे. साथ ही कहा कि अगर मैंने वार्निंग दी है तो उसे भी दर्ज करे. जिससे कि आगे की कार्रवाई की जा सके.

इसे भी पढ़ें: बड़ी खबर : मंत्री बादल पत्रलेख और हफीजुल हसन को ईडी का समन, 25 मई को पूछताछ के लिए बुलाया

Share.
Exit mobile version