रांची : रिम्स में अव्यवस्था को लेकर दायर पीआईएल मामले में बुधवार ( 10 अप्रैल ) को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें रिम्स के डायरेक्टर डॉ राजकुमार हाजिर हुए. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डायरेक्टर से रिम्स के विषयों पर कई सवाल किए. वहीं चार हफ्ते में पूरी रिपोर्ट कोर्ट के सामने पेश करने का आदेश दिया. कोर्ट ने पूछा कि हॉस्पिटल में मरीजों को बेड नहीं मिल रहे है. बेड बढ़ाने को लेकर रिम्स क्या कर रहा है. इस पर डायरेक्टर ने बताया कि हमारे पास जगह की कमी है. नए भवन बनाने की जरूरत है. कोर्ट ने भवन निर्माण विभाग को इसमें पार्टी बनाया है और जल्द से जल्द भवन का निर्माण कराते हुए रिम्स को हैंडओवर करने को कहा है.
इसके बाद कोर्ट ने पूछा खराब मशीनों और मैनपावर की कमी दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे है. डॉक्टरों और नर्स की कमी है इसके लिए प्रबंधन ने क्या कदम उठाए है. वहीं खराब मशीनों को लेकर भी पूरी लिस्ट मांगी गई है. जिसमें प्रबंधन को बताना है कि ये मशीनें कब से खराब है और क्यों खराब है. इतना ही नहीं जो मशीनें चालू है उससे मरीजों की जांच हो रही है या नहीं इसकी भी जानकारी मांगी गई है.
बता दें कि कोर्ट ने पूर्व में भी रिम्स प्रबंधन से हॉस्पिटल में लगी मशीनों की विस्तृत जानकारी मांगी थी. साथ ही यह भी पूछा था कि हॉस्पिटल में इतनी अव्यवस्था क्यों है. व्यवस्था सुधारने को लेकर प्रबंधन क्या कदम उठा रहा है. इसकी पूरी डिटेल्स एफिडेविट के माध्यम से जमा कराने को कहा था. लेकिन इसका जवाब रिम्स प्रबंधन ने कोर्ट को नहीं दिया था. इसके बाद कोर्ट ने बुधवार को डायरेक्टर रिम्स को सशरीर हाजिर होने को कहा था. रिम्स की व्यवस्था को लेकर 2018 में पीआईएल किया गया था. सोशल एक्टिविस्ट अपर बाजार के ज्योति शर्मा ने पीआईएल दर्ज कराया था.
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