विवेक शर्मा
रांची : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में बिहार, झारखंड के अलावा ओड़िशा और बंगाल से भी मरीज इलाज के लिए पहुंचते है. वहीं अन्य राज्यों के मरीज भी इलाज के लिए रिम्स पर भरोसा जता रहे है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ओपीडी में एक साल में 8,43,338 मरीज इलाज के लिए आए. जबकि इनडोर में 85,355 मरीजों ने इलाज कराया. रिम्स की जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 के लिए जारी एनुअल रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. इसके अलावा रिपोर्ट में बताया गया है कि जनवरी 23 से नवंबर 2023 तक 19142 मेजर ऑपरेशन किए गए है. जबकि 33245 मरीजों की माइनर सर्जरी रिम्स में की गई. डेथ के आंकड़ों पर नजर डाले तो पूरे साल में 11,617 लोगों की मौत रिम्स में इलाज के दौरान हुई है. जिसमें पुरुषों की संख्या 7515 है, वहीं महिलाओं की संख्या 4102 है.
5609 बच्चों का हुआ जन्म
हॉस्पिटल में काफी संख्या में महिलाएं डिलीवरी के लिए पहुंचती है. एक साल में हॉस्पिटल में 2972 नवजात बच्चों ने जन्म लिया. वहीं 2637 बच्चियों का जन्म रिम्स में हुआ. जनवरी 2023 से दिसंबर 2023 के बीच कुल 5609 बच्चों का जन्म रिम्स में कराया गया. हॉस्पिटल बच्चों के लिए बेहतर इंतजाम किए जा रहे है जिससे कि मॉर्टलिटी रेट को कम किया जा सके.
एक नजर आंकड़ों पर
एक्सरे के लिए आए मरीज 66,803
सीटी स्कैन के लिए रिम्स में पहुंचे मरीज 21,524
एमआरआई के लिए आए मरीज 682 (जनवरी-नवंबर 2023 तक)
अल्ट्रासाउंड के लिए पहुंचे मरीज 81199 (जनवरी-नवंबर 2023 तक)
पैथोलॉजी टेस्ट कराया मरीजों ने 116497
लैब मेडिसीन में हुए टेस्ट 7,99,699
बायोकेमेस्ट्री टेस्ट कराया मरीजों ने 1,45,979
माइक्रोबायोलॉजी टेस्ट के लिए भेजे गए सैंपल 2,15,207
सेंट्रल लैब में हुए टेस्ट 22853 (जनवरी-अक्टूबर 2023 तक)
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