रायपुर : 1971 के भारत-पाक युद्ध के शौर्यपूर्ण गवाह, रिटायर्ड विंग कमांडर एमबी ओझा का निधन हो गया. 89 वर्ष की उम्र में उन्होंने रायपुर में अंतिम सांस ली. विंग कमांडर ओझा 1962, 1965 और 1971 के युद्धों में शामिल रहे थे और भारतीय शांति सेवा मिशनों में भी योगदान दिया था. उनका निधन भारतीय सेना और वायु सेना के लिए एक बड़ा क्षति है. आज सुबह 11:30 बजे महादेव श्मशान घाट में उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जताया दुख
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने विंग कमांडर एमबी ओझा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उनका योगदान भारतीय सेना और वायु सेना के लिए अनमोल रहेगा.
1971 में पाकिस्तानी सैनिकों के समर्पण के साक्षी थे ओझा
विंग कमांडर एमबी ओझा 1971 युद्ध के दौरान उस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी थे जब पाकिस्तानी सेना के 93,000 सैनिकों ने भारतीय सेना के जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. यह घटना भारतीय सैन्य इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ थी. ओझा साहब उस समय वायु सेना के अधिकारी थे और इस महान घटनाक्रम के प्रत्यक्ष गवाह रहे.