कोडरमा। रिटायर्ड पुलिसकर्मी के बेटे और एक सस्पेंडेड पुलिसकर्मी की मिलीभगत से कोडरमा पावर प्लांट से निकलने वाले स्क्रैप के गोरखधंधे का जिला प्रशासन ने खुलासा किया है। इस मामले में पावर प्लांट से निकले स्क्रैप लदे दो हाइवा को जब्त किया गया है। प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद स्क्रैप बेचने वाले भेल के अधिकारी और स्क्रैप के खरीदार सवालों के घेरे में हैं। चंदवारा थाना में जब्त दोनों हाइवा पर लदे स्क्रैप कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के हैं। प्लांट के निर्माण के बाद बचे हुए स्क्रैप को प्लांट निर्माण करने कंपनी ही बेच रही थी।
इसी स्क्रैप के नाम पर एक बड़े गोरखधंधे का कोडरमा जिला प्रशासन ने खुलासा किया। उपायुक्त को मिली गुप्त सूचना के आधार पर जब इन दो हाइवा को जब्त किया गया तो इनके पास से प्लांट के स्क्रैप का वजन 6 टन होने की रसीद मिली। बाद में जब जिला परिवहन पदाधिकारी ने इन दोनों हाइवा का वजन कराया तो इनका वजन 25 से 30 टन था। इस गोरखधंधे को लेकर उपायुक्त आदित्य रंजन भेल के अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए कार्रवाई की बात कही है। वहीं, दूसरी तरफ डीवीसी और कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के चीफ इंजीनियर एन के चौधरी का कहना है कि कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के निर्माण के बाद बचा हुआ पूरा स्क्रैप भेल का है। चूंकि यह स्क्रैप कोडरमा थर्मल पावर प्लांट परिसर के अंदर है ऐसे मिले सिर्फ भेल के गेटपास पर गाड़ियों को बाहर निकलने की अनुमति मात्र देते हैं। गाड़ी में क्या है कितना सामान है इससे उनका कोई वास्ता नहीं।
जिला प्रशासन और प्लांट प्रबंधन डीवीसी के करवाई के बाद भेल के अधिकारियों की मिलीभगत साफ झलक रही है। भेल के एसडीजीएम संजीव कुमार का कहना है कि उन्होंने प्लांट के अंदर से हाइवा में 6 टन लोहा ही लोड करवाया था। अब बाहर जाकर वह 30 टन कैसे हो गया यह उन्हें नहीं पता। हालांकि, वह अपने ऊपर लगे आरोपों को स्क्रैप के खरीदार पर थोपते नजर आ रहे हैं।
कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के स्क्रैप के नाम पर गोरख धंधा पिछले कई महीनों से जारी था। उपायुक्त के अनुसार भी प्रतिदिन 60 टन चोरी होने की सूचना थी। इस गोरखधंधा को भेल के अधिकारियों की मिलीभगत से रिटायर्ड पुलिसकर्मी के बेटे और रामगढ़ के एक सस्पेंडेड पुलिसकर्मी की मिलीभगत से अंजाम दिया जा रहा था। अब तक इस गोरखधंधे में करोड़ों रुपए का खेल हो चुका है। इस मामले में गुपचुप तरीके से ओवरलोड का 1 लाख 76 हजार रुपये का फाइन और जीएसटी के तकरीबन साढे़ पांच लाख रुपए स्क्रैप खरीदने वाली कंपनी ने एक झटके में जमा भी कर दिए।