रांची: रिम्स प्रभारी निदेशक व नेत्र विभागाध्यक्ष प्रो डॉ राजीव कुमार गुप्ता 27 वर्षों के अपने कार्यकाल के पश्चात आज 31 जनवरी को रिटायर हो गए. बुधवार को नेत्र विभाग की ओर से ट्रॉमा सेंटर के सभागार में विदाई समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें डॉक्टरों ने उनके साथ बिताए पल को साझा किया. वहीं उनके उज्जवल भविष्य की कामना की. साथ ही कहा कि रिम्स में आई बैंक की स्थापना में उनकी भूमिका अहम थी. जिससे कि आज दर्जनों लोग दूसरों की आंखों से इस दुनिया को देख पा रहे है. मौके पर डीन प्रो डॉ विद्यापति, अधीक्षक डॉ हिरेंद्र बिरूआ, उपाधीक्षक कर्नल डॉ शैलेश त्रिपाठी, नेत्र विभाग के चिकित्सक डॉ सुनील कुमार, डॉ दीपक लकड़ा, डॉ राहुल प्रसाद, अपर निदेशक प्रशासन सीमा सिंह, नेत्र विभाग के कई पूर्व विभागाध्यक्ष, अन्य विभागों के फैकल्टी मेंबर, स्टाफ नर्स व कर्मचारी मौजूद थे. डॉ गुप्ता ने रिम्स में एमबीबीएस के दिनों से लेकर नेत्र विभाग के कार्यकाल और निदेशक पद तक के अपने सफर से जुड़ी खट्टी मीठी यादें साझा की.

6 जून 2023 को रिम्स के प्रभारी निदेशक के तौर पर पदभार ग्रहण किया

डॉ आर के गुप्ता का जन्म पटना, बिहार में हुआ था. 1981 में राजेंद्र मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से एमबीबीएस करने के पश्चात उन्होंने 1986 में दरभंगा मेडिकल कॉलेज से ओप्थैलमोलोजी में एमएस किया. मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद वह कुछ समय तक रांची स्थित सेंट्रल कोलफील्ड लिमिटेड में चिकित्सा अधिकारी के तौर पर कार्यरत थे. 1997 में सीनियर रेजिडेंट के तौर पर डॉ गुप्ता आरएमसीएच (अब रिम्स) से जुड़ने के बाद अब तक यहां अपनी सेवा दे रहे थे. 2017 में वह प्रोफेसर के पद पर पदोन्नत हुए और अक्टूबर 2021 से अब तक वह नेत्र विभाग के विभागाध्यक्ष के पद पर रहे. 6 जून 2023 को उन्होंने रिम्स के प्रभारी निदेशक के तौर पर पदभार ग्रहण किया था. सितंबर 2018 में रिम्स में आई बैंक और कॉर्नियल ट्रांसप्लांटेशन शुरू करने में डॉ गुप्ता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. रिम्स में अब तक 93 कॉर्नियल ग्राफ्टिंग सफलता पूर्वक की जा चुकी है. उनके मार्गदर्शन में अब तक 36 स्नातकोत्तर छात्र एमएस की डिग्री प्राप्त कर चुके हैं. झारखंड पारामेडिकल काउंसिल के वह सदस्य और पाठ्यक्रम समन्वयक भी हैं.

डॉ सुनील कुमार बने विभागाध्यक्ष

रिम्स नेत्र विभाग के नए विभागाध्यक्ष डॉ सुनील कुमार ने आज पदभार ग्रहण कर लिया. पीएमसीएच, पटना से एमबीबीएस पूर्ण करने के बाद उन्होंने पीजीआई चंडीगढ़ से एमएस की पढ़ाई पूरी की थी. डॉ सुनील 2012 में बतौर सहायक प्राध्यापक रिम्स के नेत्र विभाग से जुड़े थे और अभी एडिशनल प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं. अपने अब तक के कार्यकाल में डॉ सुनील ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं. जिनमें सबसे महत्वपूर्ण और प्रशंसनीय उपलब्धि रही है रिम्स में कॉर्निया ट्रांसप्लांट की शुरुआत. रिम्स में हुए 93 कॉर्निया ट्रांसप्लांट में से 91 ट्रांसप्लांट डॉ सुनील ने किए है.

क्षेत्रीय नेत्र संस्थान चालू कराना प्राथमिकता

पदभार ग्रहण करने के बाद डॉ सुनील ने बताया कि क्षेत्रीय नेत्र संस्थान के नवनिर्मित भवन का पूर्ण रूप से संचालन शुरू कराना उनकी प्राथमिकता होगी. साथ ही कहा कि “मरीजों के इलाज के लिए नई सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी तथा शिक्षण एवं प्रशिक्षण के कार्य को सुचारू रूप से चलाए जाने का प्रयास किया जाएगा.

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