Joharlive Desk
नई दिल्ली। कोरोना वायरस संक्रमण की भविष्यवाणी को लेकर आईआईटी गुवाहाटी और सिंगापुर का ड्यूक एनयूएस मेडिकल स्कूल ने साथ मिलकर वैकल्पिक मॉडल बनाया है जो देश के अलग अलग राज्यों में अगले 30 दिन में होने वाले कोरोना संक्रमित मरीजों की जानकारी दे सकता है।
शोधकर्ताओं ने देश में फिलहाल इस्तेमाल किए जाने वाले तीनों मॉडल के संयोग से यह नया डाटा-विज्ञान मॉडल बनाया है। ये नया मॉडल लॉजिस्टिक मॉडल और एक्सपोनेंशियल प्रणाली (स्थिति के और गंभीर होने पर भविष्यवाणी) के आधार पर पूर्वानुमान लगाता है।
देश के सभी राज्यों की तीन वर्गों में बांटा गया है, मध्य श्रेणी, गंभीर श्रेणी और नियंत्रित श्रेणी। अभी देश में मौजूदा मॉडल जिसमें राज्यों को ग्रीन जोन, ऑरेन्ज जोन और रेड जोन में बांटा गया है, ये नया मॉडल एक अलग तरह के वर्गीकरण के आधार पर काम करेगा।
इस नई टीम के मुताबिक देश में अगले 30 दिनों में लॉजिस्टिक प्रणाली के आधार पर डेढ़ लाख और एक्सपोनेंशियल प्रणाली के आधार पर साढ़े पांच लाख मामले सामने आ सकते हैं।
आईआईटी गुवाहाटी के एक सहायक प्रोफेसर पालश घोष का कहना है कि एक रिपोर्ट जो सिर्फ किसी एक मॉडल पर आधारित होकर बनाई गई हो वो देश को गलत सूचना दे सकती है। ऐसी संभावना ना पैदा हो इसके लिए टीम ने माना कि एक्सपोनेंशियल, लॉजिस्टिक और ससेप्टबल इंफेक्शस ससेप्टबल (एसआईएस) मॉडल ने रोजाना संक्रमण की दर ओपन डाटा सोर्स का इस्तेमाल किया है।
यह रिपोर्ट में देश में हाल में आए सक्रिय मामलों की वृद्धि के आधार पर बनाई गई है, जिसमें हर राज्य के रोजाना के संक्रमित मामलों की दर भी शामिल है।
सहायक प्रोफेसर घोष ने जानकारी दी कि रिपोर्ट में उन राज्यों को गंभीर श्रेणी में रखा गया जहां दो हफ्तों से कोरोना के बढ़ते मामलों में कोई कमी ना आई हो और सक्रिय मामले लगातार बढ़ते जा रहे हों। मध्य श्रेणी में उन्हें रखा जाएगा जहां पिछले दो हफ्तों से कोरोना सक्रिय मामले ना बढ़ रहे हैं और घट रहे हैं और नियंत्रित श्रेणी में उन राज्यों को रखा जाएगा जहां सक्रिय मामलों में गिरावट देखने को मिली हो।
प्रोफेसर घोष ने आगे बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमित आंकड़ों का विश्लेषण करने के दौरान ये पाया गया कि पूरे देश में शायद सही तस्वीर सामने नहीं रखी है। ऐसा इसलिए क्योंकि अलग अलग राज्य सरकारों और आम जनता की ओर से जारी किया पहला संक्रमण मामला, नए संक्रमित मामलों की दर, विकास का पूरा समय और सुरक्षा के उपाय अलग हैं।
उन्होंने कहा कि हर राज्य को अलग से संबोधित करना होगा। प्रोफेसर घोष ने कहा कि ऐसा करने से सरकार के पास सीमित उपलब्ध संसाधनों उचित रुप से इस्तेमाल करने की शक्ति होगी। कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की संख्या दो हजार के पार चली गई हैं और संक्रमि मामले बढ़कर 60,000 के पार हो गए हैं।
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