रांची : झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी आथोरिटी (रेरा) का गठन 2016 में हुआ था. जिसके गठन का उद्देश्य था कि किसी भी प्रोजेक्ट में इंवेस्ट करने वाले लोगों को न्याय मिल सके. अब रेरा अपना रोल निभा रहा है. वहीं बिल्डर से लेकर खरीदारों के अधिकारों की रक्षा की जा रही है. इसी के तहत रेरा ने राज्यभर के आफलाइन प्रोजेक्ट की आनलाइन रिपोर्ट मांगी है. वहीं प्रोजेक्ट की पूरी डिटेल आनलाइन जमा करने को लेकर नोटिस जारी कर दिया है. इसके बाद भी बिल्डर अपने प्रोजेक्ट को आनलाइन रजिस्टर्ड नहीं करता है तो उस पर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.
620 प्रोजेक्ट है आफलाइन रजिस्टर्ड
राज्यभर से 620 प्रोजेक्ट रेरा में आफलाइन रजिस्टर्ड है. उसमें से 63 बिल्डरों ने प्रोजेक्ट को आनलाइन अपडेट कर दिया है. बाकी के बिल्डरों को रेरा के आदेश से कोई मतलब नहीं है. और न ही उन्हें किसी कार्रवाई का डर है. इसलिए बार-बार नोटिस के बाद भी बिल्डरों ने प्रोजेक्ट को आनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. बता दें कि रेरा के चेयरमैन आरके चौधरी और मेंबर विरेंद्र भूषण के आने के बाद से बिल्डरों पर कार्रवाई तेज हुई है. वहीं फ्लैट खरीदारों को उनका हक भी मिल रहा है. इतना ही नहीं फ्लैट खरीदारों को ठगने वाले बिल्डरों के प्रोजेक्ट भी अटैच किए जा रहे है.