रांची : झारखंड रियल इस्टेट रेगुलेटरी आथोरिटी (झारेरा) का गठन इसलिए किया गया ताकि राज्य में बिल्डरों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके. वहीं फ्लैट के खरीदार लगातार बिल्डरों के द्वारा ठगी की शिकायत कर रहे थे. लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही थी. ऐसे में जब रेरा का गठन हुआ तो ग्राहकों को एक उम्मीद जगी कि अब उन्हें ठगा नहीं जाएगा. अगर ठगी होती भी है तो उन्हें रेरा से न्याय मिलेगा. रेरा के गठन के बाद बिल्डरों पर कार्रवाई शुरू हो गई. एक के बाद एक सभी से रजिस्ट्रेशन कराने को कहा गया. वहीं शिकायतों का भी निपटारा में कोर्ट में किया जा रहा है. अब रेरा ने राज्य के तीन बिल्ड़रों पर क्वार्टर रिपोर्ट नहीं देने को लेकर फाइन ठोंका है. वहीं 1.75 लाख का जुर्माना भरने को कहा गया है.

6 महीने में 137 पर एक्शन

ग्राहकों की शिकायतों के बाद अब रेरा एक्शन मोड में है. जिसके तहत कस्टमर्स को ठगने और रेरा को गुमराह करने वाले बिल्डर्स रडार पर है. ऐसे ही 250 बिल्डरों की लिस्ट रेरा ने तैयार की है. इतना ही नहीं अब उनके खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है. रेरा ने राज्य में चल रहे प्रोजेक्ट में देरी पर 6 महीने में 137 बिल्डरों पर कार्रवाई की है. वहीं 1 करोड़ रुपए से अधिक फाइन लगाया है. बता दें कि रेरा ने सभी बिल्डरों को प्रोजेक्ट पूरा होने तक हर तीन महीने पर क्वार्टर रिपोर्ट देने को कहा है. वहीं प्रोजेक्ट में देरी होने की सूचना भी बिल्डरों को देनी है. इसके बावजूद बिल्डर रिपोर्ट जमा नहीं कर रहे थे. मामलों पर रेरा कोर्ट में सुनवाई जारी है. नियमों को ताक पर रखने वाले बिल्डरों पर प्रति क्वार्टर 25 हजार के हिसाब से जुर्माना लगाये जाने का प्रावधान किया गया है.

इन बिल्डरों पर कार्रवाई

सिलवर हाइट्स, नियर सरकारी कुआं, मणिटोला, डोरंडा

साई साधना वाटिका, सदर, हजारीबाग

श्री कन्हैया हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड, बरमसिया रोड, नियर विश्वनाथ नर्सिंग होम, गिरिडीह

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