नई दिल्ली : 4 साल 4 महीना 6 दिन बाद जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की वैधानिकता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. मामले की सुनवाई करते हुआ चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 370 हटाना संवैधानिक रूप से सही है. कोर्ट ने भी स्वीकार किया है कि राष्ट्रपति का फैसला संवैधानिक तौर पर वैध था. अनुच्छेद 370 अस्थायी था. संविधान के सभी प्रावधान जम्मू कश्मीर में लागू होंगे. कोर्ट ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 पर राष्ट्रपति को फैसला लेने का पूरा अधिकार है. उनके पास संवैधानिक शक्तियां हैं. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. इसकी कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं है. पांच जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया.  चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया ने बताया कि जजों ने इस मामले में तीन फैसले लिखे हैं.

– सीजेआई ने कहा, जम्मू-कश्मीर के संविधान में संप्रभुता का कोई जिक्र नहीं था. हालांकि, भारत के संविधान की प्रस्तावना में इसका उल्लेख मिलता है. भारतीय संविधान आने पर अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर पर लागू हुआ.

– सीजेआई ने कहा, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की अधिसूचना देने की राष्ट्रपति की शक्ति जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा के भंग होने के बाद भी बनी रहती है. अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने का अधिकार जम्मू-कश्मीर के एकीकरण के लिए है. राष्ट्रपति द्वारा 370 निरस्त करने का आदेश संविधानिक तौर पर वैध है.

– फैसला सुनाते हुए सीजेआई ने कहा, आर्टिकल 370 एक अस्थाई प्रावधान था. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. जम्मू कश्मीर के पास कोई आंतरिक संप्रभुता नहीं थी.

 सीजेआई का मानना है ​​अब प्रासंगिक नहीं है कि Article370 को निरस्त करने की घोषणा वैध थी या नहीं. CJI ने दिसंबर 2018 में जम्मू-कश्मीर में लगाए गए राष्ट्रपति शासन की वैधता पर फैसला देने से इनकार किया, क्योंकि इसे याचिकाकर्ताओं ने विशेष रूप से चुनौती नहीं दी थी.

– सीजेआई ने कहा, जब राष्ट्रपति शासन लागू होता है तो राज्यों में संघ की शक्तियों पर सीमाएं होती हैं. इसकी उद्घोषणा के तहत राज्य की ओर से केंद्र द्वारा लिया गया हर निर्णय कानूनी चुनौती के अधीन नहीं हो सकता. इससे अराजकता फैल सकती है.

–  सभी 5 जज बैठ गए हैं. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने बताया कि जजों ने इस मामले में तीन फैसले लिखे हैं. जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस गवाई और जस्टिस सूर्यकांत ने इस मामले में अपना फैसला लिखा है.

– पीडीपी ने दावा किया है कि  प्रशासन ने SC के फैसले से पहले महबूबा मुफ्ती को हाउस अरेस्ट कर लिया है. ऐसा ही दावा नेशनल कॉन्फ्रेंस ने किया कि उनके नेता उमर अब्दुल्ला को हाउस अरेस्ट किया गया है. हालांकि, उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के दफ्तर से बताया गया है कि किसी भी नेता को कश्मीर में हाउस अरेस्ट नहीं किया गया है.
– जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला दिल्ली स्थित अपने आवास से SC रवाना हुए.
– सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘हम देखेंगे और बात करेंगे…’

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