रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की क्रिमिनल रिट याचिका पर आज 17 अक्टूबर को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने आचार संहिता उल्लंघन से जुड़े मामले में मुख्यमंत्री के खिलाफ पीड़क कार्रवाई करने पर रोक का आदेश दिया है. वहीं, निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर भी रोक लगाई है. जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए छह सप्ताह बाद की तिथि निर्धारित की है. अगली सुनवाई में पूर्व राज्य सरकार को जवाब दाखिल करना है. हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने बहस की. वहीं राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता मनोज कुमार ने बहस की.

क्या है मामला

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट दाखिल की है, जिसमें उन्होंने अदालत से गुहार लगाई है कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द की जाए. उन्होंने जिस प्राथमिकी को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, वह पश्चिमी सिंहभूम जिले के आदित्यपुर थाना में दर्ज है. इस प्राथमिकी का कांड संख्या 418/2014 है. इसमें हेमंत सोरेन को आइपीसी की धारा 188,506 और आरपी एक्ट की धाराओं के तहत आरोपी बनाया गया है. बता दें कि 2014 में चुनाव के दौरान हेमंत सोरेन अपनी पार्टी के प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करने गये थे. उस दौरान उनपर आचार संहिता उलंघन का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले की सुनवाई पश्चिमी सिंहभूम जिले की सिविल कोर्ट में चल रही है.

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