रांची: भारतीय जनता पार्टी के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने जमीन विवाद मामले में अनामिका गौतम के खिलाफ देवघर डीसी की ओर से देवघर टाउन थाना में दर्ज कराई गई एफआईआर को निरस्त कर दिया है. अदालत ने माना कि कानून का दुरुपयोग कर सांसद की पत्नी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.
झारखंड हाई कोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि :झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में इस मामले पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि देवघर में सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम ने जमीन खरीदी है. इसमें कहीं भी किसी भी नियम की अनदेखी नहीं की गई है. नियम से जमीन की खरीद की गई है. लेकिन राजनीतिक विद्वेष के कारण उनकी जमीन की डीड कैंसिल करने के मामले में देवघर डीसी के यहां आवेदन दिया गया.
सांसद के वकील की दलील
देवघर डीसी ने उस पर सुनवाई करते हुए नियम की अनदेखी कर डीड कैंसिल कर दिया. सांसद दुबे की पत्नी अनामिका गौतम के खिलाफ देवघर टाउन थाने में एफआईआर दर्ज करा दी गई. जो नियम के विरुद्ध है. इसलिए इसे निरस्त कर दिया जाए.
एफआईआर दर्ज कराने में नियम की अनदेखीः झारखंड हाई कोर्ट
वहीं सरकार के अधिवक्ता ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की दलील का विरोध किया. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह माना कि डीसी की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में नियम की अनदेखी की गई है. इसके बाद झारखंड उच्च न्यायालय ने इसे रद्द करने का आदेश दिया.
यह है पूरा मामला
बता दें कि गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम ने देवघर में जमीन खरीदी है. उस जमीन की डीड कैंसिल करने के लिए आए आवेदन पर डीसी ने उस डीड को कैंसिल कर दिया था. उसके बाद इस मामले में देवघर के टाउन थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई. अनामिका गौतम ने उसी एफआईआर को निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उसी याचिका पर सुनवाई हुई.
देवघर डीसी पर पहले भी उठे हैं सवाल
देवघर डीसी की कार्यशैली पर पहले भी सवाल उठे हैं. इससे पहले भारत चुनाव आयोग ने देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे. चुनाव आयोग ने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के मामले में ही उनके खिलाफ एक ही दिन में पांच एफआईआर दर्ज कराने पर देवघर उपायुक्त सह देवघर जिला निर्वाचन अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री को तत्काल हटाने के निर्देश दिए थे.
इसके अलावा चुनाव आयोग भारत ने राज्य सरकार को भविष्य में आईएएस अधिकारी मंजूनाथ भजंत्री को किसी भी चुनाव ड्यूटी की जिम्मेदारी न देने की हिदायत दी थी यानी चुनाव कार्य के लिए देवघर डीसी ब्लैकलिस्ट कर दिए गए थे.