जोहार ब्रेकिंग

अमेरिका में रहने वाले हजारों भारतीयों को मिली राहत, एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों के लिए वर्क परमिट पर प्रतिबंध नहीं

JoharLive Desk

नई दिल्ली : अमेरिका में रहने वाले हजारों भारतीयों को राहत मिली है। बराक ओबामा प्रशासन के समय में एच-1बी ( H-1B ) वीजा धारकों के पति या पत्नी को अमेरिका में काम करने की अनुमति दी गई थी। अमेरिकी अदालत ने इस योजना को अवैध घोषित करने से फिलहाल इनकार कर दिया है।
एच-1बी वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता के आधार पर विदेशी कर्मचारियों को नौकरी पर रखने की अनुमति देता है। तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 2015 में यह आदेश जारी किया था, जिसमें कुछ श्रेणियों के एच-4 वीजाधारकों खासतौर से ग्रीन कार्ड का इंतजार कर रहे एच-1बी वीजाधारकों के जीवनसाथियों को अमेरिका में रहकर काम करने की अनुमति का प्रावधान है।

खासतौर से भारतीय महिलाओं को इस नियम का बहुत लाभ मिला। मौजूदा ट्रंप प्रशासन ने कुछ कारणों से इसे रद्द करने की बात कही थी, जिसे कई अमेरिकी कामगारों ने चुनौती दी। कोलंबिया सर्किट के जिलों के लिए अमेरिका की अपीलीय अदालत में तीन न्यायाधीशों की पीठ ने शुक्रवार को मामला फिर से निचली अदालत में भेज दिया।
क्या है एच-1बी वीजा ?
एच-1बी कार्यक्रम अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कामगारों को उन पेशों में अस्थायी नौकरी देने की अनुमति देता है जिसके लिए अतिविशिष्ट ज्ञान और किसी खास क्षेत्र में स्नातक या उच्च डिग्री की जरूरत पड़ती है।
एच1 बी वीजा के लिए आवेदन शुल्क 700 रुपये ज्यादा
इससे पहले खबर आई थी कि अमेरिका में काम करने के लिए एच-1बी वीजा के आवेदन शुल्क के तौर पर अब 700 रुपये (10 डॉलर) ज्यादा चुकाने होंगे। एच-1बी वीजा के लिए अभी आवेदन पर करीब 32 हजार रुपये लिए जाते हैं।

अमेरिका ने अपनी संशोधित चयन प्रक्रिया के तहत इस संबंध में घोषणा की। अमेरिकी नागरिकता एवं आव्रजन सेवाओं (यूएससीआईएस) ने गुरुवार को कहा कि वापस नहीं होने वाला यह शुल्क एच-1बी चयन प्रक्रिया को आवेदन करने वालों और संघीय एजेंसी दोनों के लिए प्रभावी बनाने की खातिर नई इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण प्रणाली में उपयोगी साबित होगा।

यूएससीआईएस के कार्यकारी निदेशक केन कुसिनेली ने कहा कि इस प्रयास के जरिए ज्यादा प्रभावी एच-1बी कैप चयन प्रक्रिया लागू करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, ‘इलेक्ट्रॉनिक पंजीकरण प्रणाली हमारे आव्रजन तंत्र को आधुनिक बनाने के साथ ही फर्जीवाड़े को रोकने, जांच प्रक्रियाओं में सुधार करने और कार्यक्रम की अखंडता को मजबूत करने की एजेंसी स्तरीय पहल का हिस्सा है।’

संघीय एजेंसी वित्त वर्ष 2021 के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को इस प्रणाली का सफल परीक्षण होने के बाद लागू करेगी। एजेंसी औपचारिक निर्णय होने के बाद इसके क्रियान्वयन और शुरुआती पंजीकरण अवधि की निर्धारित समय-सीमा की घोषणा करेगी और यूएससीआईएस पंजीकरण संबंधी प्रक्रिया को लागू करने से पहले लोगों को कई बार सूचित करेगी।

Recent Posts

  • झारखंड

हेमंत सोरेन कल लेंगे शपथ, झारखंड में नई सरकार का आगाज़

रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को अपने पद की शपथ लेंगे. आपको बता…

4 hours ago
  • झारखंड

इंडियन डिप्लोमैट का रूस की सोनिया पर आया दिल, बाबामंदिर में रचाई शादी

देवघर: भारतीय विदेश सेवा में फर्स्ट सेक्रेटरी के रूप में कार्यरत देवघर निवासी राहुल कुमार…

7 hours ago
  • देश

छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों ने 4 नक्सलियों को किया गिरफ्तार, विस्फोटक सामग्री बरामद

छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बीजापुर जिले के भैरमगढ़ थाना क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने बड़ी…

8 hours ago
  • झारखंड

कांके रोड से पंडरा तक फोर लेन सड़क निर्माण का सर्वे पूरा, जल्द शुरू होगा काम

रांची: कांके रोड से पंडरा तक फोर लेन सड़क निर्माण के लिए सर्वे पूरा कर…

8 hours ago
  • झारखंड

हेमंत सोरेन ने दिवंगत विधायक पिता को दी श्रद्धांजलि, सोशल मीडिया पर किया भावुक पोस्ट

रांची: कार्यवाहक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज रामगढ़ चितरपुर पहुंचे, जहां उन्होंने जेएमएम के विधायक योगेंद्र…

8 hours ago
  • झारखंड

हेमंत सोरेन ने शहीद सोबरन सोरेन के 67वें शहादत दिवस पर अर्पित की श्रद्धांजलि

रांची: कार्यवाहक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज शहीद सोबरन सोरेन के 67वें शहादत दिवस पर…

9 hours ago

This website uses cookies.