Johar live desk: केरल के पलक्कड़ में एक अदालत ने बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। यह मामला उनके स्वास्थ्य संबंधी गलत विज्ञापनों को प्रसारित करने से जुड़ा है, जिसमें पतंजलि के उत्पादों को उच्च रक्तचाप और मधुमेह का इलाज करने का दावा किया गया था।
अदालत ने पहले 1 फरवरी को उनकी हाजिरी के लिए जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन वे दोनों अदालत में उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद अदालत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गैर जमानती वारंट जारी किया है और अब मामले की अगली सुनवाई 15 फरवरी को तय की गई है।
इस मामले में पतंजलि आयुर्वेद की मार्केटिंग शाखा दिव्य फार्मेसी के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। यह मामला अक्टूबर 2024 में पलक्कड़ के ड्रग्स इंस्पेक्टर द्वारा दवाओं और जादुई इलाज (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 के तहत दायर किया गया था।
केरल के ड्रग्स इंस्पेक्टर द्वारा दायर शिकायत में दिव्य फार्मेसी को पहला आरोपी, आचार्य बालकृष्ण को दूसरा और बाबा रामदेव को तीसरा आरोपी बनाया गया है। इसमें आरोप लगाया गया है कि पतंजलि के विज्ञापनों ने अवैध रूप से दावा किया कि उनके उत्पाद उच्च रक्तचाप और मधुमेह का इलाज कर सकते हैं।
गौरतलब है कि पतंजलि आयुर्वेद पहले भी गलत विज्ञापनों को लेकर कानूनी चुनौतियों का सामना कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कंपनी के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्होंने आधुनिक चिकित्सा, विशेषकर आयुर्वेद के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए थे और विभिन्न बीमारियों के इलाज के बारे में अप्रमाणित दावे किए थे। यह मामला अंततः खारिज कर दिया गया था, जब बाबा रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी।
इसके अलावा, कोझीकोड (केरल) और हरिद्वार (उत्तराखंड) में इसी तरह के मामले लंबित हैं और कई समन भी जारी किए जा चुके हैं। यह मामला अब अदालत में विचाराधीन है और इसके परिणाम का इंतजार किया जा रहा है।
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