RBI MPC Meeting 2024 : रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार दसवीं c रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया. यह 6.5 फीसदी पर बरकरार रही. इसका मतलब है कि आपकी EMI पहले की ही तरह रहेगी. उसमें कोई कमी-बेसी नहीं होगी. फरवरी, 2023 से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर जस का तस रखा है. हालांकि, आरबीआई ने अपने रुख में बदलाव करते हुए इसे न्यूट्रल कर दिया है. यह निर्णय बुधवार, 9 अक्टूबर 2024 को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता में तीन दिवसीय बैठक के बाद लिया गया.
आरबीआई गवर्नर ने कही यह बात
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) ने आज बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी. कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव के बावजूद महंगाई को काबू में रखने और आर्थिक वृद्धि को गति देने में सफलता हासिल की है. उन्होंने आगे बताया कि समिति ने अपने रुख को तटस्थ करने का निर्णय लिया है.
https://x.com/RBI/status/1843870582317994295
खाद्य महंगाई में कमी की उम्मीद
शक्तिकांत दास ने कहा कि बेहतर मानसून और पर्याप्त बफर स्टॉक की वजह से इस साल खाद्य महंगाई में कमी आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि मौद्रिक नीति का लचीला ढांचा अब आठ साल पूरे कर चुका है, जो एक प्रमुख संरचनात्मक सुधार है.
आर्थिक वृद्धि दर 7.2% का अनुमान
आरबीआई गवर्नर ने आगामी वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर 7.2% रहने का अनुमान व्यक्त किया है. घरेलू मांग में सुधार, कच्चे माल की कम लागत, और सरकारी नीतियों की वजह से विनिर्माण क्षेत्र में तेजी देखी जा रही है. इसके साथ ही, चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति का अनुमान 4.5% पर बरकरार रखा गया है.
ईएमआई पर ये होगा असर
रेपो रेट में किसी बदलाव न होने का मतलब है कि होम लोन और अन्य कर्जों की मासिक किस्त (ईएमआई) में कमी की संभावना कम है. एमपीसी के छह सदस्यों में से पांच ने रेपो रेट को यथावत रखने के पक्ष में मतदान किया है. इस निर्णय से बाजार में स्थिरता बनी रहेगी और यह आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करेगा.
Also Read: ब्रांडेड कंपनी के नाम पर ऋषव ट्रेडर्स बेच रहा था नकली अगरबत्ती, कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज