Joharlive Desk
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है। ऐसे में लॉकडाउन बढ़ने के बाद अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए दास की यह कॉन्फ्रेंस अहम है। वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे हैं।
आरबीआई कोरोना वायरस को लेकर सतर्क है। रिजर्व बैंक इसकी करीब से निगरानी कर रहा है। 2020 वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी मंदी का साल है। देश के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है। हालांकि, मार्च में देश के निर्यात के हालात बेहद खराब रहे हैं। फॉरेक्स रिजर्व अभी 476.5 अरब है। G-20 देशों में भारत की स्थिति बेहतर रहेगी। देश में बैंकिंग कारोबार सामान्य बनाए रखने की कोशिश जारी है। भारत की आर्थिक वृद्धि दर 1.9 फीसदी रहने की उम्मीद है। मार्च में सर्विसेज पीएमआई में गिरावट दर्ज की गई। लॉकडाउन के बावजूद कृषि क्षेत्र में बुवाई की स्थिति बेहतर रही है।
इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एलान किया था कि रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की गई है और ये 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी कर दी गई है। साथ ही आरबीआई गवर्नर ने बैंकों को सलाह दी थी कि वे अगले तीन महीने तक ग्राहकों को ईएमआई में राहत दें।