नई दिल्ली : अब क्रेडिट कार्ड यूजर कार्ड लेते समय अपनी पसंद से कार्ड नेटवर्क चुन सकेंगे. सेंट्रल बैंक ने पहले भी इस बारे में जानकारी दी थी. रिजर्व बैंक ने इस संबंध में आज बुधवार को निर्देश जारी कर दिया. आरबीआई ने यह निर्देश पेमेंट एंड सेटलमेंट सिस्टम्स एक्ट 2007 के तहत जारी किया है. सेंट्रल बैंक का कहना है कि कार्ड जारी करने वाले बैंक अब अपनी मर्जी से ग्राहकों के ऊपर क्रेडिट कार्ड नेटवर्क नहीं थोप सकते. उन्हें क्रेडिट कार्ड के यूजर्स को नेटवर्क चुनने का विकल्प देना होगा.
अभी तक यह होता था कि यूजर्स को इश्यूअर की ओर से क्रेडिट कार्ड प्रोवाइड किया जाता था. क्रेडिट कार्ड का नेटवर्क क्या होगा, इसे तय करने का विकल्प या अधिकार ग्राहकों के पास नहीं होता था. रिजर्व बैंक ने निर्देश में इस बात का जिक्र भी किया है. उसने कहा है कि कार्ड नेटवर्क और कार्ड इश्यूअर यानी बैंक आपस में समझौता कर ग्राहकों के विकल्प को सीमित कर रहे हैं. इसी कारण रिजर्व बैंक को डाइरेक्टिव जारी करना पड़ा है.
इस मामले पर रिजर्व बैंक ने कहा- चाहे बैंक का मामला हो या नॉन-बैंक इंस्टीट्यूशन का, कस्टमर के कार्ड नेटवर्क के बारे में निर्णय कस्टमर का नहीं होता है, बल्कि इश्यूअर और कार्ड नेटवर्क के समझौते से तय होता है. इस कारण रिजर्व बैंक ने कार्ड इश्यूअर और कार्ड नेटवर्क के बीच किसी तरह के समझौते पर रोक लगा दी है. रिजर्व बैंक ने निर्देश में साफ कहा है- कार्ड जारी करने वाले कार्ड नेटवर्क के साथ कोई ऐसा समझौता नहीं करेंगे, जिससे ग्राहकों के द्वारा अन्य कार्ड नेटवर्क की सेवा लेने की राह में कोई रुकावट पैदा हो.
पुराने ग्राहकों को भी मिलेगा विकल्प
रिजर्व बैंक ने आगे कहा है- किसी योग्य ग्राहक को कार्ड इश्यूअर इस बात का विकल्प देंगे कि कार्ड लेते समय वे अपनी पसंद का कार्ड नेटवर्क चुन सकें. पुराने ग्राहकों को लेकर रिजर्व बैंक ने कहा है कि उन्हें कार्ड के रिन्यूअल के समय नेटवर्क चुनने का विकल्प दिया जा सकता है.
इन कंपनियों पर लागू नहीं होंगे नियम
बता दें कि ये नियम उन लोगों पर लागू नहीं होंगे, जिनके द्वारा जारी सक्रिय कार्डों की संख्या 10 लाख या उससे कम है. इसके अलावा कार्ड जारीकर्ता जो अपने स्वयं के अधिकृत कार्ड नेटवर्क पर क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं, उन्हें इससे बाहर रखा गया है. बता दें कि ये नियम नोटिफिकेशन की तारीख से 6 महीने तक प्रभावी रहेंगे.