JoharLive Desk

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक में लगातार चैथी बार रेपो रेट में कटौती की गई है। आरबीआई ने आम लोगों के लिए बड़ी घोषणा की है। आरबीआई में बैठक के लिये गये फैसल में रेपो रेट को घटाकर 5.40 फीसदी कर दिया गया है। नौ सालों में पहली बार रेपो रेट इतना कम हुआ है। भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 35 आधार अंकों की कटौती की है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो रेट को 5.15 फीसदी कर दिया है।
मौद्रिक नीति समिति के चार सदस्यों ने रेपो दर में 0.35 फीसदी कटौती का पक्ष लिया, दो सदस्यों ने 0.25 फीसदी कटौती की वकालत की। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी का अनुमान सात फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी किया है।
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2020 की दूसरी छमाही के लिये खुदरा मुद्रास्फीति 3.5 से 3.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। वहीं दूसरी तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 3.1 फीसदी रहने का अनुमान है।
केंद्रीय बैंक ने आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने के लिए इस साल फरवरी और अप्रैल में रेपो रेट में 25-25 आधार अंकों (0.25 फीसदी) की कटौती की थी। हालांकि अप्रैल में जब आरबीआई द्वारा रेपो रेट में कटौती की गई थी, तब कुछ ही बैंकों ने इसका लाभ लोगों को दिया था।
अगर रेपो रेट में कटौती का फायदा बैंक आप तक पहुंचाते हैं तो का आम लोगों को काफी फायदा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि अब बैंकों पर ब्याज दरों में कटौती करने का दबाव रहेगा। इससे लोगों को लोन सस्ते में मिल जाएगा। इसके अलावा जो होम, ऑटो या अन्य प्रकार के लोन फ्लोटिंग रेट पर लिए गए हैं, उनकी ईएमआई में भी कमी हो जाएगी।

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