रांची: ऊंची पहुंच और ऊंची संगत के लोग साथ हो तो कोई भी गलत काम कराने में देर नहीं लगती. वहीं काम चुटकियों में हो जाता है. इतना ही नहीं कागजात में भी हेराफेरी कर राज्य में काम दिलाने का खेल चल रहा है. एक ऐसा ही मामला सामने आया है. जिसमें पुलिस विभाग का एक काम ऐसे ठेकेदार को दे दिया गया है जिसने अहर्ता पूरी करने के लिए फर्जी कागजात दिए. अब उसी फर्जी कागजात के आधार पर चार करोड़ रुपए का काम उसे आवंटित कर दिया गया है. अब इस मामले को लेकर टेंडर में भाग लेने वाले अन्य ठेकेदारों में आक्रोश का माहौल है.

दुमका में बनना है जी प्लस 3 का क्वार्टर

दुमका पुलिस लाइन में जी प्लस 3 का क्वार्टर ब्लाक का निर्माण कराया जाना है. जिसके लिए आनलाइन टेंडर किया गया था. इस टेंडर में कई ठेकेदारों ने पार्टिसिपेट किया था. अब अहर्ता पूरा करने के लिए सेलेक्ट किए गए ठेकेदार ने जो कागजात विभाग में जमा कराए है. डीआरएस कंपनी ने टर्न ओवर, आइटीआर, आडिट और एक्सपीरिएंस रिपोर्ट विभाग को दी है. इसमें सभी कागजात फॉल्स है. टेंडर में पार्टिसिपेट करने वाले ठेकेदारों का कहना है कि अधिकारियों की मिली भगत के बिना यह संभव नहीं है. वहीं इस मामले में पुलिस हाउसिंग के एमडी प्रशांत सिंह ने कहा कि ऐसी कोई बात हमारे संज्ञान में नहीं आई है. जो भी लोग इस तरह के आरोप लगा रहे है उन्हें टेंडर कमिटी से जाकर बात करनी चाहिए. उसमें हमारे इंजीनियर है वे ज्यादा बेहतर बता सकते है.

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