रांची: हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश रचने के आरोपी रवि केजरीवाल को बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाईकोर्ट में सोमवार को आरोपी की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट रवि केजरीवाल की अग्रिम ज़मानत मंजूर कर दी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस एके चौधरी की अदालत ने याचिका पर सुनवाई की। 25-25 हज़ार के दो निजी मुचलके पर अग्रिम ज़मानत मंजूर की गई।

साथ ही उच्च न्यायालय ने प्रार्थी को यह भी निर्देश दिया है कि इस मामले की जांच में सहयोग करेंगे। निचली अदालत ने रवि केजरीवाल को ज़मानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट में अपील की थी। प्रार्थी की ओर से पूर्व महाधिवक्ता और झारखंड हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अपराजिता भारद्वाज एवं कुमारी सुगंधा ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा। मामला अक्टूबर 2021 का है। पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला से झामुमो विधायक रामदास सोरेन ने धुर्वा थाने में अपने लेटर पैड के जरिए प्राथमिकी दर्ज कराई।

इस मामले में उन्होंने आरोप लगाया कि झामुमो से निष्कासित पूर्व केंद्रीय कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल और अशोक अग्रवाल उनसे लगातार फोन पर संपर्क कर रहे थे। उन्होंने कहा कि रवि केजरीवाल ने उनसे कहा कि झामुमो के कई विधायक उनके संपर्क में हैं। आप अगर पार्टी छोड़ देते हैं तो नई सरकार में मंत्री पद मिलेगा। उनको इसके लिए आर्थिक प्रलोभन भी दिया जाएगा। यह दूसरी बार था, जब राज्य में सरकार को गिराने की साजिश का मामला सामने आया। इससे पहले 22 जुलाई को कांग्रेस विधायक जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया था। रामदास की ओर से 12 अक्टूबर को प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इस मामले में IPC की धारा 120 b और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 8 भी लगाई गई ह

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