रांची : चाइल्ड वेलफेयर कमेटी सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष और सदस्य को निलंबित कर दिया गया है। समाज कल्याण विभाग ने सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा वर्मा और सदस्य तनुश्री सरकार पर अनियमितता के आरोप लगने के बाद निलंबन की कार्रवाई की है। सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष और सदस्य पर लगे आरोपों की जांच के भी आदेश दिए गए हैं। दोनों का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा था।
दीया सेवा संस्थान की सीता स्वांसी ने हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की है। इस रिट याचिका में झारखंड राज्य को भी प्रतिवादी बनाया गया है। 13 फरवरी को बाल कल्याण समिति के निर्देश पर बरियातू पुलिस ने बिना किसी पूर्व नोटिस या सूचना संस्था के 22 बच्चों का संरक्षण ले लिया था। याचिका में वादी द्वारा इन बच्चों का संरक्षण दोबारा संस्था को प्रदान करने को कहा गया है। समाज कल्याण विभाग को यह जानकारी हुई तो मामले की जांच कराई गई।
जांच में पता चला कि बरियातू के बुध विहार की रहने वाली सीता स्वांसी ने 25 फरवरी को इस मामले में अनुसूचित जाति जनजाति थाना में मलयाल बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष और सदस्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। इस प्राथमिकी में जिला बाल संरक्षण इकाई की सीमा शर्मा और बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष रूपा वर्मा व सदस्य तनुश्री सरकार प्रताड़ित करने के आरोप लगाए गए हैं। इस मामले में डीसी ने समाज कल्याण को पत्र लिखकर रांची सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष रूपा वर्मा, सदस्य सीमा शर्मा और तनुश्री सरकार के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी। अधिकारियों का कहना है कि झारखंड किशोर न्याय नियम 2017 के में यह प्रावधान है कि अगर बाल कल्याण समिति के सदस्यों के खिलाफ कोई प्राथमिकी दर्ज होती है तो ऐसी परिस्थिति में जांच के बाद उन्हें निलंबित किया जा सकता है। इसी को देखते हुए समाज कल्याण विभाग के अवर सचिव राजेश्वर नाथ आलोक ने बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष रूपा वर्मा और सदस्य तनुश्री सरकार को निलंबित कर दिया है। जबकि जिला बाल संरक्षण इकाई की सीमा शर्मा पर उनकी नियुक्ति पदाधिकारी उपायुक्त कार्रवाई करेंगे।