रांची। मेन रोड में बीते 10 जून को जुमे की नमाज के बाद हिंसा भड़की थी, जिसकी जांच के लिए राज्य सरकार ने बीते 11 जून को उच्च स्तरीय जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इसमें सचिव अमिताभ कौशल और एडीजी संजय लाठकर शामिल थे। कमेटी को जांच के लिए एक सप्ताह का समय राज्य सरकार की तरफ से दिया गया था।
इसके बाद कमेटी ने जांच के लिए समय की मांग की थी, जिसके बाद सरकार ने एक सप्ताह का समय दिया था। इस दौरान जांच कमेटी ने घटनास्थल पर जाकर जांच की थी और कई लोगों का बयान भी दर्ज किया था, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी जांच कमेटी की जांच पूरी नहीं हुई है। जानकारी के मुताबिक जांच कमेटी ने जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए और दो महीने का समय मांगा है।
सीआइडी ने 11 नामजद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की
बता दें कि जांच कमेटी के अलावा सीआइडी भी इस मामले की जांच कर रही है। सीआइडी के डीएसपी महेंद्र सिंह मुंडा इस मामले की जांच कर रहे हैं। सीआइडी ने हिंसा मामले में 11 नामजद के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल है, जिसमें मोहम्मद अमजद, इरफान जुवेर आलम उर्फ इरफान अंसारी, मोहम्मद माज, अरमान हुसैन, सरफराज आलम, शहबाज, अफसर आलम, रमजान अली और तीन अन्य लोग शामिल हैं। बता दें कि इसमें उपद्रव करनेवाले कई प्रमुख लोगों के नाम नहीं हैं। उपद्रव के दौरान गोली लगने से मारे गये मुद्दस्सिर उर्फ कैफी और मोहम्मद साहिल का नाम भी इसमें शामिल है। झारखंड पुलिस की जांच में इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि उत्तरप्रदेश के गाजीपुर से आये तीन लोगों के अलावा बिहार के पटना से आये तीन लोगों ने भी भीड़ को उपद्रव के लिए उकसाया था। कहा जा रहा है कि जिस मसजिद से भीड़ को उकसाया गया था, उसके मौलाना को बचा लिया गया है।