रांची। 10 जून को रांची में हुए हिंसा मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।जिसमें मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन एवं न्यायाधीश एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने कड़ी टिप्पणी की। अदालत ने सरकार से पूछा कि रांची एसएसपी और डेली मार्केट थानेदार को क्यों हटाया गया है। वहीं मौके वारदात पर मौजूद लोगों को सीसीटीवी फुटेज पर क्यों नहीं दिखाया। मामले में अदालत ने गृह सचिव राजीव अरुण एक्का एवं डीजीपी नीरज सिन्हा को शपथ पत्र दाखिल करने के निर्देश दिया है। इस मामले की सुनवाई अगले सप्ताह फिर होगी।
जानकारी के मुताबिक, राजधानी रांची के मेन रोड में 10 जून (शुक्रवार) को हुए हिंसा मामले पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन एवं एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए गृह सचिव एवं डीजीपी से पूछा कि हिंसा के दौरान की सीसीटीवी फुटेज संबंधित या मौके वारदात पर मौजूद लोगों को दिखाकर पहचान क्यों नहीं हुई। खंडपीठ ने पूछा कि रांची एसएसपी को 17 जून के आदेश के बावजूद भी क्यों हटाया गया।
एक सप्ताह के अंदर शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने को कहा गया है, इस बीच प्रार्थी के अधिवक्ता राजीव कुमार ने पेश करते हुए कहा कि जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया जा रहा है मामले की जांच एसआईटी कर रही थी जिसे छिनकर सीआईडी को दे दिया। इस कमेटी के अध्यक्ष एक डीएसपी रैंक के अधिकारी कर रहे हैं इस पर भी अदालत ने जवाब मांगा है कि आखिर मामले में की गई अध्यक्षता कौन कर रहा है। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने अदालत में वह अब तक हुई प्रक्रिया पर स्पष्ट जवाब नहीं दे सके जिस पर अदालत ने टिप्पणी भी की।