Joharlive Team

रांची। योजना सह वित्त विभाग, झारखंड सरकार के अपर मुख्य सचिव के के खंडेलवाल ने सभी उपायुक्तों को कोरोना संक्रमण के संकट में लोगों तक डोर स्टेप सहायता पहुंचाने हेतु डाक विभाग से सहयोग लेने को कहा। डाक विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई सूचना के आधार पर उन्होंने कहा कि डाक विभाग के कुल 3784 डाकघरों (3513 ग्रामीण डाकघरों सहित) में 6599 पोस्टमैन तथा ग्रामीण डाक सेवक कार्यरत हैं।

ये कर्मी स्मार्ट मोबाइल सेवा से युक्त हैं। इन सब का उपयोग नागरिकों को मूलभूत सुविधाएं जैसे राशन, दवा, धनराशि का भुगतान, सेनिटाइजेशन आदि उपलब्ध कराने में किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के कारण उत्पन्न परिस्थितियों में स्थानीय स्तर पर डाक विभाग के अधिकारियों से अथवा आवश्यकतानुसार डाक विभाग की सेवाएं लिए जाने हेतु असिस्टेन्ट सुपरिटेंडेंट, पोस्ट बैंक ऑफ इंडिया एवं चीफ पोस्ट मास्टर जनरल से सीधे संपर्क स्थापित किया जा सकता है।

  • पोस्ट ऑफिस के माइक्रो एटीएम/ एईपीएस के माध्यम से डोर स्टेप/अपने ग्राम में प्राप्त कर सकेंगे धनराशि

श्री खंडेलवाल ने विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभान्वित लाभार्थियों को कोविड-19 आपदा से उत्पन्न स्थिति में पोस्ट ऑफिस के माइक्रो एटीएम/ एईपीएस के माध्यम से डोर स्टेप/अपने ग्राम में धनराशि आहरण की सुविधा भी उपलब्ध करायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के कल्याणकारी योजनाओं में धनराशि लाभार्थी के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की जाती है तथा लाभार्थी द्वारा बैंक जाकर धन राशि का आहरण किया जाता है।

कोविड-19 के तहत लागू लॉक डाउन के कारण बैंक में लगने वाली अनावश्यक भीड़ से बचने हेतु लाभार्थी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता है । डाक विभाग में माइक्रो एटीएम/ एईपीएस उपलब्ध है, जिसके माध्यम से किसी भी बैंक के खातों से धनराशि उपलब्ध करा सकते हैं । उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों को कहा कि इस व्यवस्था के परिचालन हेतु अपने जिले के प्रधान पोस्ट मास्टर से समन्वय स्थापित करते हुए जिला पंचायती राज पदाधिकारी के माध्यम से ग्राम पंचायत स्तर पर इस सुविधा का लाभ आमजन तक पहुंचाएं।

  • माइक्रो एटीएम/ एईपीएस से राशि की निकासी के लिए आधार का होना आवश्यक

श्री खण्डेलवाल ने बताया कि माइक्रो एटीएम/ एईपीएस से राशि की निकासी के लिए आधार का होना आवश्यक है तथा इसके लिए लाभार्थी के अंगूठे के निशान आदि के माध्यम से प्रमाणीकरण किया जाता है। इन सभी कार्यों में सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन सुनिश्चित करें। साथ ही मौके पर हैंड सैनिटाइजर, साबुन आदि की भी व्यवस्था कर ली जाए, जिससे सभी लाभार्थी इस सुविधा का लाभ उठा सकें।

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