JoharLive Team

रांची। पिपरवार स्थित बचरा में दो बच्चियों से हैवानियत के बाद हत्या मामले धीरे-धीरे तूल पकड़ते जा रहा है। शुक्रवार को हजारों की संख्या में स्थानीय लोग सड़कों पर उतर गए। पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर रहे है। आक्रोशित लोगों की मांग है कि हैदराबाद की तरह पिपरवार में भी एनकाउंटर होना चाहिये। धीरे-धीरे लोगों का उबाल बढ़ते जा रहा है। पूरे इलाके में दुकानें बंद है। जबकि, गाड़ियों का आवागमन पूरी तरह से ठप है। आक्रोशित लोगों का उबाल देख इलाके में अतिरिक्त पुलिस फ़ोर्स की तैनाती की गयी थी।


मालूम हो कि ग्रामीणों ने बीती रात भी पिपरवार थाने का घेराव कर जमकर बवाल काटा। पुलिस पर पथराव किया। थाने में भी पत्थर फेंके गए। भीड़ का उपद्रव देख पुलिस को तीन बार लाठीचार्ज करना पड़ा। हालांकि, उग्र भीड़ पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। दोपहर तीन बजे के बाद से ही ग्रामीण लगातार हंगामा करते रहे। बचरा बाजार की दुकानें बंद करा दी गईं। देर रात तक लोगों की भीड़ जमी थी। मामले में पुलिस ने तीनों बच्चों को अपहरण करने के मुख्य आरोपित सोनू मोची को गिरफ्तार कर लिया है। वह बच्चों का परिचित है।
जानकारी के अनुसार बुधवार की शाम को तीन बच्चे लापता हो गए थे। इनमें करीब दस वर्ष की दो बच्चियां और एक आठ वर्ष का बच्चा शामिल है। तीनों बचरा टीएच कालोनी के पास स्थित जंगल में लकड़ी चुनने गए थे। वहीं से तीनों का अपहरण कर लिया गया था। गुरुवार की सुबह करीब सात बजे किरीगड़ा जंगल में पहले आठ वर्षीय बच्चा खून से लथपथ मिला। इसके बाद पुलिस और बच्चियों के परिजन तलाश करते हुए आगे बढ़े।

उसी दौरान जंगल से ही दोपहर करीब तीन बजे दोनों बच्चियां गंभीर रूप से जख्मी हालत में पड़ी मिलीं। इसके बाद सभी को बचरा अस्पताल ले जाया गया। वहां एक बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया। जबकि एक बच्ची और आठ वर्षीय बच्चे को रिम्स, रांची रेफर कर दिया गया। रिम्स पहुंचने पर डॉक्टरों ने दूसरी बच्ची को भी मृत घोषित कर दिया।

हमले से घायल आठ वर्षीय बच्चे ने पुलिस को बताया है कि उसे और दोनों बच्चियों को लेकर सोनू मोची गया था। वह पूर्व परिचित होने की वजह से बहला-फुसलाकर ले गया। किरीगड़ा जंगल में घुसने के बाद बच्चे पर अचानक हमला कर दिया गया। उसे मरा हुआ समझकर गले में एक रस्सी बांधी और एक नाले के किनारे छोड़ गए। इसके बाद दोनों बच्चियों को वहां से जंगल की ओर ले गए। बुधवार की देर शाम तक नहीं लौटने पर परिजनों ने उनकी तलाश की। गुरुवार की सुबह पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस के साथ ढूंढने के दौरान जंगल में बच्चों की साइकिल और चुना हुआ लकड़ी बरामद किया गया। कुछ दूर आगे बढऩे पर बच्चा घायल अवस्था में मिला। बच्चे द्वारा पहचान करने पर ही आरोपितों को पकड़ा गया है।

बच्चियों की हत्या के मामले में पिपरवार पुलिस ने एक गिरफ्तारी सहित छह को हिरासत में लिया है। ग्रामीण उन्हें हैदराबाद की तर्ज पर एनकाउंटर करने या अपने हवाले करने की मांग पर अड़े थे। आक्रोशित ग्रामीण पहले थाना घेरकर हंगामा कर रहे थे। बाद में थाना में घुस गए और जमकर बवाल काटा। बाद में बैकअप के तौर पर आइटीबीपी के जवानों को बुलाया गया।

अतिरिक्त बल पहुंचने और तीसरी बार की लाठीचार्ज के बाद भीड़-तितर बितर हुई। लेकिन 25 मीटर की दूरी पर पुलिस और आक्रोशित भीड़ आमने-सामने थी। टायर जलाकर लोग प्रदर्शन करते रहे। टंडवा बीडीओ अनूप कुमार कच्छप, एसडीपीओ आशुतोष कुमार सत्यम, थाना प्रभारी संजय कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी ग्रामीणों को समझाने में जुटे थे। एसडीपीओ ने दो दिनों का समय मांगा, लेकिन ग्रामीण मानने को तैयार नहीं थे।


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