रांची। झारखंड प्रशासनिक सेवा (जेएएस) के अधिकारी और तत्कालीन एसडीओ चैनपुर (गुमला) सत्यप्रकाश को निलंबन अवधि 13 माह का वेतन भुगतान नहीं किया जायेगा। उन्हें सिर्फ निलंबन अवधि के दौरान मिलने वाले जीवन निर्वाह भत्ता ही दिया जायेगा। हालांकि, निलंबन अवधि का उनके पेंशन पर असर नहीं पड़ेगा। इसे कार्यावधि में ही मानकर भुगतानकिया जायेगा। कार्मिक विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है।
उनके ऊपर पर मुख्यालय चैनपुर में आवासति नहीं रहने, अनाधिकृत रूप से अपने नियंत्रणाधीन क्षेत्र से बाहर जाकर वाहनों की चेकिंग एवं जुर्माना वसूली करने संबंधित आरोप लगे थे। पूरे मामले में एक जुलाई 2020 को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया था। इसके बाद विभागीय कार्यवाही चलायी गयी। इसमें इन्हें असंचयात्मक प्रभाव से तीन वेतन वृद्धि भी रोकी गयी। झाप्रसे अधिकारी ने सरकार से अपील अभ्यावेदन किया ओर निलंबन मुक्त करने और सेवा विनियमित करने की मांग की गयी।
पूरे मामले में वे एक जुलाई 2020 से 17 अगस्त 2021 तक निलंबित रहें। सरकार ने अभ्यावेदन पर विचार किया और स्पष्ट आदेश दिया कि निलंबन अवधि में सिर्फ जीवन निर्वाह भत्ता दिया जायेगा। इसके अलावा कुछ भी नहीं दिया जायेगा। लेकिन निलंबन अवधि की गणना पेंशन प्रयोजनार्थ कर्तव्य पर बतायी गयी अवधि के रूप में मान्य होगी।