झारखंड

रांचीः सरकारी अफसरों-कर्मियों के प्रमोशन का रास्ता साफ, हजारों कर्मियों को होगा फायदा

रांचीः झारखंड में सरकारी अफसरों-कर्मियों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है. सरकार के निर्देश के बाद कार्मिक विभाग ने इसको लेकर रोक हटा ली है. इससे झारखंड के कम से कम 57 हजार कर्मियों को अब सीधा फायदा होगा. यह रोक 14 दिसंबर 2021 से ही लगी हुई थी. इस कारण अफसरों और कर्मियों का प्रमोशन स्थगित था  झारखंड विधानसभा में उठाये गये प्रश्न के आलोक में विधानसभा द्वारा एक विशेष समिति का गठन किया गया था. मामले की जांच की गयी थी, जिस क्रम में राज्य सरकार द्वारा विभागीय पत्र 24.12.2021 के माध्यम से तत्काल प्रभाव से प्रोन्नति की प्रक्रिया स्थगित की गयी.

यह बात सामने आयी थी कि राज्य कर्मियों की प्रोन्नति में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के वरीय सरकारी सेवकों को प्रोन्नति से वंचित कर सामान्य वर्ग के कनीय कर्मियों को भी प्रोन्नति दी गयी. इसी के बाद विभाग ने जांच करायी थी, जिसके बाद करीब डेढ़ साल से राज्य में प्रोन्नति बाधित थी. इसी दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के सरकारी कार्यालयों में एससी, एसटी अधिकारियों व कर्मियों प्रतिनिधित्व का आंकड़ा जुटाने के लिए प्रमोशन पर रोक विगत डेढ़ साल पहले लगायी गयी. 

इस रोक की वजह से विभिन्न विभागों के विभिन्न पदों पर कार्यरत कई अधिकारी व कर्मचारी उच्च पदों पर प्रोन्नति पाये बगैर रिटायर हो गये. राज्य सरकार ने इस बीच अपर मुख्यसचिव एटीआई एल खियांगते की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की. इस कमेटी को सरकारी कार्यालयों में एससी-एसटी के प्रतिनिधित्व का आंकड़ा जुटाने को कहा गया. विगत आठ अक्टूबर को ही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दी है.  

इसके बाद विभाग ने रिपोर्ट के आधार पर एक विधेयक लाया और इसमें परिणामी वरीयता के आधार पर एससी-एसटी को प्रोन्नति देने की बात कही. वरीयता सह प्रात्रता के प्रावधान के अंतर्गत प्रोन्नति प्रदान करने अथवा विचार करते समय, मूल कोटि की वरीयता सूची में वरीयता क्रम में सामान्य वर्ग से ऊपर रहने वाले अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के सरकारी सेवकों को अनारक्षित रोस्टर बिंदु पर प्रोन्नति अनुमान्य होगी.

इस क्रम में एससी, एसटी के वरीय सरकारी सेवक को अनारक्षित बिंदु पर पदोन्नत करते समय यह देखा जाना आवश्यक नहीं है कि उसकी नियुक्ति मेधा के आधार पर हुई अथवा आरक्षण के आधार पर. वरीयता सह पात्रता के प्रावधान अंतर्गत दी जाने वाली प्रमोशन का उदाहरण भी दिया गया है. कार्मिक अपने आदेश में इसी के तहत भविष्य में प्रमोशन देने की कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है.

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