रांची: कोरोना के बाद से हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़े है. वहीं हार्ट अटैक से होने वाले मौत के आंकड़े डरा रहे है. आए दिन नाचते-गाते लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है और उनकी मौत हो जा रही है. इन सबको को देखते हुए रांची के सोशल एक्टिविस्ट ज्योति शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दायर की है. जिससे कि हार्ट अटैक की स्थिति में सीपीआर यानि कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन देकर संबंधित व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है. इसपर त्वरित सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें लोकल आथोरिटी को अवगत कराने को कहा है. जिससे कि सीपीआर को स्कूल ट्रेनिंग प्रोग्राम में शामिल किया जा सके.
सीएम और एजुकेशन मिनिस्टर को लिखा था पत्र
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने से पहले सोशल एक्टिविस्ट ज्योति ने तत्कालीन एजुकेशन मिनिस्टर जगरनाथ महतो से मुलाकात की थी. साथ ही उन्हें सीपीआर को स्कूलों में एक ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत लागू कराने की अपील की थी. लेकिन उन्हें कोई पॉजिटिव रिस्पांस नहीं मिला. इसके बाद उन्होंने सीएम हेमंत सोरेन को 13 अक्टूबर 2023 को पत्र लिखा था. जिसमें स्कूलों में सीपीआर ट्रेनिंग को एक प्रोग्राम की तरह शामिल करने की अपील की गई थी. लेकिन उन्हें दोनों ही जगहों से निराशा हाथ लगी. इसके बाद ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.
ये भी जानकारी दी गई थी याचिका में
- डब्ल्यूएचओ ने 2015 में इसका समर्थन करते हुए कहा था किड्स सेव लाइफ
- 2022 में उपराष्ट्रपति ने स्कूल व कालेजों में सीपीआर ट्रेनिंग पर दिया था जोर
- हर साल 5-6 लाख की हार्ट अटैक से इंडिया में हो रही मौत
- यूरोप और यूएस में स्कूलों में सीपीआर की ट्रेनिंग मैंडेटरी
- 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को दी जा सकती है ट्रेनिंग