रांची: रांची नगर निगम जनवरी 2025 से शहर के सभी आवासीय भवनों का सर्वे करने जा रहा है. इस सर्वे का मुख्य उद्देश्य यह पता लगाना है कि कौन से आवासीय भवन व्यावसायिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हो रहे हैं. ऐसे भवनों के मालिकों से व्यावसायिक होल्डिंग टैक्स वसूला जाएगा. अगर किसी घर में दुकान, लॉज, हॉस्टल या किरायेदार हैं, तो वह प्रॉपर्टी व्यावसायिक श्रेणी में डाली जाएगी और निगम उसे व्यावसायिक टैक्स के अधीन करेगा.
बता दें कि अब तक नगर निगम ने 64 भवन मालिकों को नोटिस भेजे हैं, जो आवासीय टैक्स दे रहे थे, लेकिन उनका उपयोग व्यावसायिक कार्यों के लिए हो रहा था. इनसे एक हफ्ते में जवाब मांगा गया है. 2024-2025 के लिए निगम ने 83 करोड़ रुपये की होल्डिंग टैक्स वसूली का लक्ष्य तय किया है, जिसमें से अब तक 60 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है. निगम जल्द ही बाकी राशि की वसूली की योजना बना रहा है. इसके अलावा, अगर किसी को अपने इलाके में चल रहे लॉज, हॉस्टल, मैरेज हॉल या बैंक्वेट हॉल से कोई परेशानी है, तो वे 15 दिनों के भीतर नगर निगम में शिकायत दर्ज करा सकते हैं. अगर शिकायत सही पाई गई, तो इन प्रतिष्ठानों को लाइसेंस नहीं दिया जाएगा. वर्तमान में 152 लॉज, हॉस्टल और मैरेज हॉल ने लाइसेंस के लिए आवेदन किया है. इन प्रतिष्ठानों की सूची निगम की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
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नगर विकास मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि टैक्स चोरी रोकने और नगर निगम का राजस्व बढ़ाने के लिए इस सर्वे को प्राथमिकता दी जाए.