रांची : रांची नगर निगम शहर में ग्राउंड वाटर लेवल को बचाने को लेकर रेस है. एक से एक नए प्रयोग किए जा रहे है. जिससे कि ग्राउंड वाटर लेवल को मेंटेन रखा जा सके, और इसमें रांची नगर निगम ने सफलता भी हासिल की है. जिसके तहत नगर निगम ने सरफेस वाटर (जमीन के उपर दिखने वाला पानी) का ट्रीटमेंट कर शहर में सप्लाई की. इससे रांची नगर निगम को डीप बोरिंग से टैंकर में पानी की रीफिलिंग की जरूरत नहीं पड़ी और नगर निगम 1.60 करोड़ लीटर ग्राउंड वाटर को बचा लिया. इतना ही नहीं इससे ड्राइवरों को भी पानी का सप्लाई करने में परेशानी नहीं हुई.
डीप बोरिंग से नहीं हुई टैंकर रीफिलिंग
नगर निगम शहर में पहले भी टैंकरों से पानी की सप्लाई करता था. इसके लिए शहर के अलग-अलग इलाकों में रीफिलिंग प्वाइंट बनाए गए थे. जहां पर डीप बोरिंग से टैंकरों में पानी भरकर सप्लाई की जाती थी. कई बार बोरिंग फेल होने, लाइट नहीं होने की स्थिति में पानी की सप्लाई नहीं हो पाती थी. कभी टैंकर लाने-लेजाने में काफी समय बीत जाता था. इसके बाद निगम के प्रशासक ने यह पहल की. सरफेस वाटर को ट्रीट कर टैंकरों में भरकर पानी की सप्लाई वाटर क्राइसिस वाले इलाकों में की गई. बता दें कि शहर के तीनों डैम रूक्का, कांके, हटिया डैम के पानी को ही टैंकरों में भरकर लोगों के घरों तक पहुंचाया जा रहा है.
घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की अपील
नगर निगम ने खुद से पानी बचाने की पहल की है. वहीं शहर के लोगों से भी अपील की जा रही है कि अपने कैंपस में रेन वाटर हार्वेस्टिंग जरूर कराए. इससे बारिश का पानी सीधे पाताल में जाएगा और ग्राउंड वाटर लेवल मेंटेन होगा. वहीं पानी की किल्लत दूर होगी. बता दें कि शहर के कई इलाके ड्राई जोन घोषित हो चुके है. जहां पर पानी का लेवल पाताल में पहुंच चुका है. गर्मी में लोग अपना घर छोड़ रिश्तेदारों के यहां चले जाते है. बारिश शुरू होने के बाद वे अपने घरों में वापस आते है.
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इन जगहों पर ट्रीटमेंट पानी की रीफिलिंग
गोंदा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट
हातमा हिल
कांटाटोली
सिमलिया (यूजीआर-1)
आईटीबीपी (यूजीआर-2)
सिरमटोली
नगर प्रशासक अमित कुमार ने कहा कि वाटर सप्लाई भी सरकार का ही पार्ट है. इसलिए हमलोगों ने पहल की कि डैम के पानी को ही टैंकरों में भरकर पानी की सप्लाई की जा सके. वाटर सप्लाई के लिए एक टाइम निर्धारित है. लेकिन इससे हमलोगों का काफी समय बचा और लोगों तक पानी पहुंचा सके. चूंकि हम शहर के लोगों से अपील करते है कि ग्राउंड वाटर लेवल को बचाए. इसके बावजूद हम ही डीप बोरिंग से पानी निकालेंगे तो यह गलत होगा. इसलिए हमने लोगों से रेन वाटर हार्वेस्टिंग कराने की अपील की है. जिससे कि बारिश के पानी को बचाया जा सके. साथ ही कहा कि इस बार ज्यादातर इलाकों से बोरिंग सूखने की शिकायत नहीं मिली है. खासकर ड्राई जोन वाले इलाके मेें.
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