झारखंड

रांची नगर निगम कर रहा लोगों को अवेयर, अब अलग रखना होगा सूखा-गीला कचरा

रांची : रांची नगर निगम द्वारा निगम क्षेत्रांतर्गत सभी वार्ड तथा गली-मोहल्ले में पूर्ण सफाई व्यवस्था सुनिश्चित करते हुए गार्बेज के पृथक्करण का कार्य भी सुनिश्चित किया जा रहा है तथा प्रतिदिन डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण करते समय सोर्स सेग्रिगेशन हेतु लोगों को जागरूक किया जा रहा है. सोर्स सेग्रिगेशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रशासक महोदय द्वारा आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं, जिसके अंतर्गत निगम की टीम के द्वारा हर वार्ड में व्यापक रूप से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु प्रचार प्रसार किया जा रहा है. इसके अलावा निगम की कूड़ा संग्रहण करने वाले गाड़ियों में भी गीला-सूखा कचरा अलग-अलग रखने हेतु साइन तथा हरा और नीला रंग कराया गया है.

वार्ड को कूड़ा मुक्त बनाने की योजना

सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के उद्देश्य से आज 10.01.2024 को उप प्रशासक रजनीश कुमार के अध्यक्षता में निगम की स्वच्छता टीम के पदाधिकारियों, जोनल सुपरवाइजर, वार्ड सुपरवाइजर एवं अन्य कर्मियों के साथ बैठक की गई. उप प्रशासक ने कहा कि गार्बेज फ्री रांची के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रति वॉर्ड को कूड़ा मुक्त बनाना होगा. इसके लिए कुछ अहम कदम उठाने होंगे जैसे कि सर्वप्रथम यह सुनिश्चित करना होगा की आम लोग कूड़ा यत्र-तत्र ना फेंके. इसके साथ ही आम नागरिकों को सोर्स सेग्रिगेशन यथा कूड़ा अलग-अलग रखने हेतु प्रेरित करना करे.

कचरा अलग डालने का अभ्यास करें

उन्होंने कहा कि आम लोगो के सहयोग के बिना सोर्स सेग्रिगेशन के लिए तैयार बीट प्लान पूरी तरह फ्लॉप हो सकता है. इसलिए यह सुनिश्चित करे कि डोर-टू-डोर कूड़ा संग्रहण करते समय ही लोगों को इसके महत्व के बारे जानकारी दे ताकि आम नागरिक अपने घरों/प्रतिष्ठानों से निकलने वाले गीला-सूखा कचड़ा को निगम की कूड़ा संग्रहण करने वाली गाड़ियों में अलग-अलग डालने का अभ्यास सुनिश्चित करे. उन्होंने कहा कि झिरी में गेल इंडिया द्वारा दो चरणों में 150 मिट्रीक टन/प्रतिदिन का बायो कंपोस्ट प्लांट लग रहा है, जिसके लिए प्रतिदिन लगभग 300 टन गीला कचड़ा उपलब्ध कराने की अवश्यकता होगी. इसलिए अभी से रांची शहर में ही सोर्स सेग्रिगेशन को बढ़ावा देने की आवश्यकता है.

कचरे को कैसे अलग करें

1. घर में दो कूड़ा दान रखे. एक गीले कचरे के लिए, दूसरा सूखे कचरे के लिए.
2. स्त्रोत पृथक्करण के तहत् हरा डस्टबिन में गीला कचरा, जिसमें रसोई का कचरा, फल के छिलके, सड़े फल, सब्जी, बचा भोजन, अंडे के छिलके आदि को डालना है और नीला डस्टबिन में प्लास्टिक, बोतलें, कागज कप, प्लेट, पैकेट अखबार, डिब्बे, बॉक्स, पुराने कपड़े आदि को डालना है।
3.कूड़ा संग्रहण करने वाली गाड़ियों के हरे कंपार्टमेंट में गीला कचरा तथा नीले कंपार्टमेंट में सूखा कचरा दे।
4. गीला कूड़ा घर से रोज़ निकाले तथा सूखा कूड़ा दो से तीन दिन में एक बार निकले।
5. जब तक आम जनता कचरा प्रबंधन में सहयोग नहीं करेगी, तब तक परिणाम संतोष जनक नहीं पाया जायेगा।

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