रांची: सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड में नियुक्ति घोटाले की जांच शुरू हो गई है. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की 5 सदस्यीय टीम रांची पहुंची है. साथ ही सीयूजे नियुक्ति की जांच शुरू की है. जानकारी के मुताबिक 62 नॉन टीचिंग और 50 टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति नियमों को ताक पर रखकर की गई है.

सीयूजे नियुक्ति की जांच

नंद कुमार यादव इंदु के कार्यकाल में हुई नियुक्ति की जांच को लेकर केंद्रीय एजेंसियों से भी शिकायत की गई थी. इसी कड़ी में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की 5 सदस्यीय टीम सीयूजे नियुक्ति की जांच करने पहुंची है. नियुक्तियों की विस्तृत जांच कराने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन को पत्र लिखा गया था और इसी के तहत यह जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. कुल 62 नॉन टीचिंग पदों पर नियुक्तियां हुई है.

केंद्रीय जांच टीम सीयूजे पहुंची

वहीं पद सृजन और आरक्षण की अनदेखी कर 40 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भी नियुक्ति हुई है. यह नियुक्ति प्रक्रिया वर्ष 2017 में हुई थी. नंद कुमार यादव पर आरोप है कि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर यह नियुक्तियां करवाई है. मनचाहा लोगों को पदों पर बैठाया गया है. बिना नियमावली अप्रूव्ड कराएं नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति भी हुई है. अब इस मामले की पूरी जांच केंद्रीय स्तर की टीम करेगी. इसके लिए पांच सदस्यीय केंद्रीय जांच टीम सीयूजे पहुंची है.

आरटीआई के माध्यम से हुआ था खुलासा

आरटीआई के माध्यम से इस नियुक्ति घोटाला का खुलासा हुआ था. यूजीसी ने जुलाई 2019 में आरटीआई के जवाब में कहा है कि यूजीसी ने रजिस्ट्रार, वित्त अधिकारी, परीक्षा नियंत्रक, आंतरिक लेखा अधिकारी, लाइब्रेरियन, पब्लिक रिलेशन ऑफिसर, जूनियर इंजीनियर समेत कई पदों पर हुई नियुक्ति नियमावली अब तक ना तो बनाई है और ना ही वह अप्रूव्ड है. इसी के आधार पर अब कार्रवाई शुरू हो गई है.

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