रांचीः झारखंड के महाधिवक्ता पर दर्ज अवमाननावाद याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश अपरेश कुमार सिंह और न्यायाधीश अनुभा रावत चौधरी की अदालत में हुई. महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता की ओर से पटना हाई कोर्ट की वरीय अधिवक्ता ने पक्ष रखा. अदालत ने रीट कोर्ट के रिपोर्ट नहीं आने के कारण मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तिथि निर्धारित की है.
साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर याचिका की सुनवाई हुई थी. झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी की अदालत में सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता के द्वारा पक्ष रखा गया था. उसी दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के बारे में जानकारी दी गई और कहा कि याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अदालत के आदेश देने से पूर्व ही खुली अदालत में कह रहा है कि अदालत सीबीआई जांच का आदेश दो सौ प्रतिशत देगा. उनके द्वारा जानकारी दिए जाने के तरीके पर अदालत ने नाराजगी व्यक्त की, उनसे लिखित जवाब मांगा गया लेकिन उन्होंने जवाब देने से इनकार कर दिया.
इसके बाद याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अदालत में आवेदन दिया. जिसमें कहा कि जिस तरह से महाधिवक्ता ने कोर्ट को जवाब दिया है यह कोर्ट की अवमानना है, इसलिए महाधिवक्ता पर अवमाननावाद याचिका चलायी जाए. उस आवेदन पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता के द्वारा याचिकाकर्ता के अधिवक्ता की ओर से दिए गए आवेदन का विरोध किया गया. अदालत ने राजीव कुमार की ओर से दिए गए आवेदन को खारिज कर दिया. झारखंड हाई कोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए महाधिवक्ता और अपर महाधिवक्ता पर अवमाननावाद चलाए जाने का आदेश दिया, उसी अवमाननावाद याचिका पर सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई.