रांचीः यौन शोषण के आरोप में गिरफ्तार सुनील तिवारी की जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है. एसटी/एससी स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

सुनवाई के दौरान केस आइओ और पीड़िता भी कोर्ट के समक्ष उपस्थित रहे. खुद पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए सुनील तिवारी ने जमानत याचिका दायर की है. कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद 12 सितंबर को यूपी के इटावा से सुनील तिवारी की गिरफ्तारी हुई थी. 14 सितंबर को रांची सिविल कोर्ट में पेशी के बाद से सुनील तिवारी न्यायिक हिरासत में है.

पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी पर उनके यहां काम करने वाली एक युवती ने दुष्कर्म एवं यौन शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं. इस मामले में युवती ने अरगोड़ा थाना में कांड संख्या 229/2021 दर्ज कराया है, जिसकी जांच रांची पुलिस कर रही है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पीड़िता का 164 का बयान भी दर्ज हो चुका है, आए दिन इस प्रकरण में नए मोड़ सामने आ रहे हैं. युवती के परिजनों की ओर से इस मामले में झारखंड हाई कोर्ट में हेवियस कॉर्पस भी दायर की गई है. इतना ही नहीं इस प्रकरण के सामने आने के बाद भाजपा के कई नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की और सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई तरह की बयानबाजी भी हुई है.

पिछले दिनों दुष्कर्म के आरोपी पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के सलाहकार सुनील तिवारी को अरगोड़ा पुलिस उत्तर प्रदेश के इटावा जिला से गिरफ्तार कर रांची लाई थी. जिसके बाद न्यायिक हिरासत में खेल गांव स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में भेज दिया गया. जिसके बाद से ही सनील तिवारी सलाखों के पीछे है और अपने अधिवक्ता के माध्यम से रांची व्यवहार न्यायालय में जमानत को लेकर दरवाजा खटखटाया है. जिस पर अदालत ने गुरुवार को मामले की सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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