अयोध्या : रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का धार्मिक अनुष्ठान जारी है. ऐतिहासिक पल के लिए लंबे वक्त से चली आ रही तैयारी अब अपने नजदीकी पड़ाव पर है. गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की 200 किलो वजन की नई मूर्ति को अनुष्ठानों के दूसरे दिन मंदिर परिसर में ले जाया गया. आज दोपहर में रामलला की मूर्ति गर्भगृह में पहुंच जाएगी. अभी मूर्ति को मंदिर में गर्भ गृह की चौखट पर पहुंचाया गया है. इससे पहले भगवान रामलला की मूर्ति ले जा रहा ट्रक रास्ते में जहां-जहां से गुजरा, वहां लोगों ने श्रीराम के जयकारे लगाए. मू्र्ति को ले जाते वक्त कई सुरक्षा का इंतजाम किया गया था. अब 22 जनवरी को मंदिर के गर्भगृह में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी.
रामलला की इस प्रतिमा और सिंहासन में कई विशेषताएं हैं. यह सिंहासन गर्भगृह में बनाया गया है. इसे मकराना पत्थर से बनाया गया है और इसकी ऊंचाई लगभग साढ़े तीन फिट है. इसी सिंहासन पर भगवान राम की प्रतिमा की विराजमान किया जाएगा, जिसके बाद भक्त दर्शन कर पाएंगे.
मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा से पहले कई तरह के पूजन और अनुष्ठान हो रहे हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अरुण योगीराज की पत्नी विजेयता ने बताया कि मूर्ति बनाते समय योगीराज की आंख में चोट भी लग गई थी. एक पत्थर की नुकीली परत उनकी आंख में चुभ गई थी और उसे ऑपरेशन के जरिए निकाला गया था. उन्होंने कहा कि दर्द के दौरान भी उनके पति नहीं, कई रात सोए नहीं और रामलला की मूर्ति बनाने में तल्लीन रहे. परिवार ने योगीराज के हाथों बनी मूर्ति को चुने जाने पर खुशी जताई है और आभार व्यक्त किया है.
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