Joharlive Team
रामगढ़ । शहर में डॉक्टरों की लापरवाही से मरीजों की जान खतरे में पड़ रही है। रविवार की रात ऐसा ही एक मामला रामगढ़ के नामचीन मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल से आया। यहां डॉक्टर की लापरवाही के कारण एक व्यक्ति ने न सिर्फ अपना बच्चा गंवाया, बल्कि उसे अपनी पत्नी की जान भी गंवानी पड़ी। इस मामले को लेकर मृतका के परिजनों ने हॉस्पिटल में जमकर हंगामा किया।
यह हॉस्पिटल रामगढ़ डीसी आवास के ठीक बगल में है। हंगामे की सूचना पाकर रामगढ़ थाना प्रभारी विपिन कुमार दल बल के साथ वहां पहुंचे और मृतका के परिजनों से बात की। अनिल कुमार कुशवाहा ने स्पष्ट कहा कि डॉक्टर की लापरवाही के कारण उसकी पत्नी और बच्चे की जान गई है। उन्होंने इस मामले में डॉ. संतना शरण के खिलाफ रामगढ़ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है।
जानकारी के अनुसार भदानीनगर क्षेत्र के चिकोर गांव निवासी अनिल कुमार कुशवाहा की पत्नी जयंती देवी 6 महीने की गर्भवती थी। उसका इलाज लगातार मदर एंड चाइल्ड हेल्थ केयर अस्पताल में डॉ. संतना शरण कर रही थी। 23 तारीख को जयंती देवी को डिहाइड्रेशन हुआ। काफी लूज मोशन होने के बाद परिजनों ने उन्हें बेहतर इलाज के लिए मदर एंड चाइल्ड केयर हॉस्पिटल में भर्ती कराया। यहां डॉक्टर ने उन्हें कहा कि मरीज को थोड़ी इलाज की जरूरत है, फिर ठीक हो जाएगी।
देर रात जब जयंती देवी को पेट में दर्द होने की शिकायत हुई तो डॉक्टर ने कहा कि महिला का बच्चेदानी खुल गया है और अगर उसकी जान बचानी है तो तत्काल डिलीवरी करानी होगी। डॉक्टर ने वहां नॉर्मल डिलिवरी कर 6 महीने के बच्चे का मृत शरीर निकाला और उनके परिजनों को सूचना दी। थोड़ी देर बाद डॉक्टर ने फिर जयंती के परिजनों को बताया कि मरीज का खून रुक नहीं रहा है, इसलिए उनका बच्चेदानी निकालने के लिए ऑपरेशन करना होगा। तभी उनकी जान बच सकेगी। परिजनों ने इन दोनों हालातों में अपनी सहमति जताई और जयंती देवी का ऑपरेशन करने को कहा। ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने कहा कि अब सब ठीक हो जाएगा।
लेकिन थोड़ी ही देर बाद डॉक्टर ने फिर कहा कि जयंती को बेहतर केयर के लिए मेडिका अस्पताल में भर्ती करना होगा। परिजनों ने इस बात पर आपत्ति जताई। अस्पताल प्रबंधन की ओर से कहा गया कि यहां आईसीयू की व्यवस्था नहीं है। इस वजह से उन्हें मेडिका हॉस्पिटल (रांची) ले जाना होगा। इसके अलावा अस्पताल प्रबंधन ने मरीज के इलाज में लगे पैसे भी नहीं लेने की बात कही। परिजनों ने जयंती की जान बचाने के लिए एंबुलेंस बुलायी और उसे मेडिका में भर्ती कराया।
रांची मेडिका में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने कहा कि जयंती का गलत इलाज कर दिया गया है। जिसकी वजह से उनकी हालत काफी गंभीर हो गई है। अगर तत्काल इलाज शुरू कराना है तो उन्हें डेढ़ लाख रुपए जमा करने होंगे। परिजनों ने वह रकम भी वहां जमा जमा की, लेकिन डॉक्टर जयंती की जान नहीं बचा पाए। अनिल कुमार कुशवाहा ने अपनी पत्नी और बच्चे की मौत की वजह सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर संतना शरण की लापरवाही को बताया है। उन्होंने कहा कि पुलिस इस मामले में तत्काल कार्रवाई करे। रामगढ़ थाना प्रभारी विपिन कुमार ने बताया कि इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है। जयंती देवी और उसके नवजात बच्चे के शव का पोस्टमार्टम भी कराया जा रहा है। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल प्रबंधन ने बताया मलेरिया का मरीज
पूरे मामले में डॉक्टर संतना शरण के पति और अस्पताल संचालक डॉ. सुधीर आर्य से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कि जयंती देवी मलेरिया की मरीज थी। वह गर्भवती भी थी। उसका एक मृत बच्चा अस्पताल में हुआ था, लेकिन उसकी हालत बहुत अच्छी नहीं थी। परिजनों ने जयंती को मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया और वहीं उसकी मौत हुई है। मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में आकर हंगामा बेवजह किया गया है। इस मामले की सूचना रामगढ़ पुलिस को अस्पताल प्रबंधन ने दी। इसमें हम लोगों का कोई दोष नहीं है और न ही हमने कोई लापरवाही बरती है।