Joharlive Team

रामगढ़। रामगढ़ जिले में फाइनेंस कंपनियों के कर्मचारी ही लुटेरे निकले। वे पहले गांव-गांव घूमकर यह पता करते थे कि कितना कलेक्शन निकलने वाला है। इसकी जानकारी लेकर वहां कलेक्शन के लिए जाने वाले कर्मचारियों को हथियार के दम पर लूट लेते थे। इस गिरोह के सदस्यों को रामगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में रामगढ़ एसपी प्रभात कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार किए गए लुटेरों में हफीजुल अंसारी, शमशेर आलम और नियाजुल अंसारी शामिल हैं। तीनों गिद्दी थाना क्षेत्र के मनुआ- फूलसराय गांव के निवासी हैं। एसपी ने बताया कि सोमवार को कुज्जू ओपी क्षेत्र के महुआटांड गांव में रोहित भंडारी अपनी कंपनी का रुपया कलेक्शन करने गया था। जहां से 95000 रुपये लेकर वह लौट रहा था। घाटो सारुबेडा रोड पर चार नंबर पेट्रोल पंप के पीछे पक्की सड़क पर उसने देखा कि एक ब्लू रंग की अपाचे मोटरसाइकिल के साथ तीन व्यक्ति खड़े हैं। जैसे ही रोहित वहां पहुंचा, उन तीनों ने उन्हें रोका और पिस्तौल दिखाकर जान से मारने की धमकी दी। उससे रुपये से भरा बैग उन्होंने लूट लिया। उसी दौरान एक पुलिस गाड़ी को आता देख अपराधकर्मियों भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने पीछा कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। इनकी तलाशी लिए जाने पर दो लोडेड देशी पिस्तौल, गोलियां, चाकू व गुप्ती बरामद हुई। थाने लाकर उनसे हुई पूछताछ में तीनों अपराधियों ने यह कबूल किया कि वह फाइनेंस कंपनी के एजेंट को लूटने का काम करते थे।लूट की 18 वारदातों को दिया था अंजामइस गिरोह ने रामगढ़, हजारीबाग और बोकारो जिला क्षेत्र में 18 लूट की वारदातों को अंजाम दिया था। एसपी ने बताया कि रजरप्पा, गोला, रामगढ़, कुजू, घाटो, चरही थाना क्षेत्र में इस गिरोह ने कई बार पिछले 2 महीने में एजेंटों को लूटा है। इनके पास से लूट का 12000 भी बरामद किया गया है। इनके पास से पुलिस को एक बैग मिला है, जिसमें लूटे गए एजेंटों का एटीएम कार्ड और आईकार्ड मौजूद था। लुटेरे लूट के बाद जंगल में लूटी गयी रकम का बंटवारा कर लेते थे और फिर एजेंटों से लूटा गया मोबाइल जंगल में ही फेंक देते थे। लूट के लिए तीन बाइकों का इस्तेमाल करते थे। पुलिस ने तीनों बाइक को भी बरामद कर लिया है। इनके घरों से पुलिस ने कई अलग-अलग प्लेट और ब्लैंक प्लेट्स भी बरामद किए हैं। यह अक्सर पुलिस से बचने के लिए अपनी बाइक का नंबर प्लेट बदल देते थे। नेयाजुल और हफीजुल फाइनेंस कंपनी के थे एजेंटरामगढ़ एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि नेयाजुल और हफीजुल दोनों सगे भाई हैं। यह दोनों फाइनेंस कंपनी के ही एजेंट हैं। नेयाजुल भारत फाइनेंस और हफीजुल आई फाइनेंस कंपनी में काम करता है। यह दोनों बाकी एजेंट के साथ गांव-गांव में घूमकर यह पता कर लेते थे कि किस गांव में कितना कलेक्शन हुआ है। इसके बाद जैसे ही एजेंट कलेक्शन कर निकलते थे, यह दोनों अपने तीसरे साथी शमशेर आलम को फोन कर बुलाते थे। फिर सुनसान जगह देखकर उस एजेंट को हथियार के बल पर लूट लेते थे। इनको पकड़ने के लिए पुलिस ने एसडीपीओ अनुज उरांव के नेतृत्व में एक विशेष टीम बनाई थी। इस टीम ने सभी फाइनेंस कंपनियों के लोगों को अलर्ट कर रखा था। सोमवार की शाम इसी सतर्कता की वजह से पुलिस इस गिरोह का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है।लूट के पैसे से चलाते थे सूद का धंधाहाफिजुल अंसारी लूट के पैसे से अपना सूद का धंधा चलाता था। उसने लूटी गई रकम को कई लोगों को दिया था। एसपी ने बताया कि पुलिस के पास 15 ऐसे लोगों की सूची है, जिसे हफीजुल ने पैसा दिया था। उन सारे पैसों की रिकवरी के लिए भी कार्रवाई की जा रही है।

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