Johar Live Desk : पिछले महीने विले पार्ले की एक फर्म द्वारा दर्ज चेक बाउंस मामले में अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट ने फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा की कंपनी को दोषी ठहराते हुए तीन महीने जेल की सजा सुनाई थी. कोर्ट में उनकी गैरमौजूदगी के कारण उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया गया था. राम गोपाल वर्मा के वकील ने इस फैसले को चुनौती देते हुए दिंडोशी सत्र न्यायालय में अपील की, जिसमें सजा को स्थगित करने और जमानत देने की मांग की गई. हालांकि, सत्र न्यायालय ने शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करते हुए मामले की अगली सुनवाई अगले महीने के लिए निर्धारित की है.
क्या था मामला
यह मामला 2018 में ‘श्री’ नामक फर्म द्वारा दर्ज किया गया था, जो हार्ड डिस्क की सप्लाई का कारोबार करती है. फर्म ने बताया कि फरवरी से मार्च 2018 के बीच राम गोपाल वर्मा की कंपनी को हार्ड डिस्क सप्लाई की गई थी और इसके बदले में 2,38,220 रुपये का बिल दिया गया था. हालांकि, जब जून 2018 में दिए गए चेक को बैंक में जमा किया गया, तो ‘अपर्याप्त धनराशि’ के कारण वह बाउंस हो गया. इसके बाद दूसरा चेक जारी किया गया, लेकिन वह भी ‘स्टॉप पेमेंट’ के कारण बाउंस हो गया. इसके बाद फर्म ने अंधेरी मजिस्ट्रेट कोर्ट में आपराधिक शिकायत दर्ज करवाई.
राम गोपाल वर्मा ने अपनी सफाई में दावा किया था कि वह चेक उनके द्वारा साइन नहीं किया गया था और उन्होंने इसे जारी नहीं किया था. हालांकि, मजिस्ट्रेट कोर्ट ने उनके दावे को खारिज करते हुए कहा कि अभियुक्त द्वारा संभावित बचाव का कोई साक्ष्य नहीं मिला. अब सत्र न्यायालय में उनकी याचिका पर अगला फैसला आना बाकी है.
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