रांची: बहुचर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव प्रताड़ना मामले में आरोपी रकीबुल उर्फ रंजीत कोहली को सीबीआई कोर्ट की विशेष अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. इसके अलावा 50 हजार जुर्माना भी सुनाया है. वहीं उसकी मां कौशल रानी को 10 साल की सजा और 50 हजार जुर्माना लगाया है. इसके साथ ही रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद को 15 साल की सजा और 50 हजार जुर्माना लगाया गया है. बता दें कि तीनों को कोर्ट ने 30 सितंबर को दोषी करार ठहराया था.
सीबीआई ने किया था टेक ओवर
झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने 2015 में इस केस को टेक ओवर किया था. इस मामले में जारी बहस पूरी हो चुकी है. सीबीआई की ओर से 25 फरवरी को गवाही पूरी कर ली गई थी. इसके बाद अदालत ने आरोपियों का बयान दर्ज किया. बयान दर्ज होने के बाद बचाव पक्ष ने अपने बचाव में गवाही दी. गवाही बंद होने के बाद मामले में बहस जारी थी, जो पूरी हो गई. मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ तीन जुलाई 2018 को आरोप गठित किया गया था. सीबीआई की ओर से 26 गवाहों को पेश किया गया है.
धर्म परिवर्तन का लगाया था आरोप
झारखंड की राष्ट्रीय शूटर तारा शाहदेव ने अपने पति पर जबरन धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया था. तारा का कहना था कि उसके पति ने खुद को हिंदू बताकर उसे धोखा दिया और शादी की. बाद में उस पर इस्लाम कबूलने का दबाव बनाया जाने लगा और ऐसा नहीं करने पर उसकी पिटाई की जाती थी और कई बार कुत्ते से भी कटवाया गया था. शाहदेव के मुताबिक, कई-कई दिनों तक उसे खाना भी नहीं दिया जाता था.
नाम बदलकर की थी दोस्ती
तारा ने पति रंजीत कुमार कोहली पर छद्म नाम का सहारा लेकर उससे शादी रचाने का आरोप लगाया था. जबकि उसका असली नाम रकीबुल हसन है. तारा ने कोतवाली डीएसपी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था. जिसमें उसने बताया था कि जब वह होटवार में शूटिंग की प्रैक्टिस के लिए जाती थी, तो पीली बत्ती लगे वाहन में विजिलेंस रजिस्ट्रार मुश्ताक अहमद (हाईकोर्ट में पदस्थापित), धनबाद डीएसपी, गढ़वा एसपी, सुजीत सिंह व रंजीत कुमार कोहली उर्फ रकीबुल हसन उसका प्रैक्टिस देखने आते थे. इस दौरान इन अधिकारियों और रंजीत कुमार कोहली ने उसके दोस्तों के साथ बातचीत शुरू कर दी. रंजीत की तारा के दो अन्य दोस्तों के साथ गहरी दोस्ती हो गई. उसी समय 14 जून को रंजीत कुमार कोहली ने उसे घर पर डिनर के लिए बुलाया. इसके ठीक एक दिन बाद 15 जून को मुश्ताक अहमद के निमंत्रण पर तारा उसके घर डिनर के लिए पहुंची. वहां रंजीत भी पहले से ही मौजूद था. उसने तारा को अंगूठी व कंगन पहना दिया और शादी की तिथि तय करने की बात कही. 20 जून को मुश्ताक की मौजूदगी में दोनों की सगाई हुई और सात जुलाई को दोनों विवाह बंधन में बंध गए.
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
तारा ने कहा कि ससुराल में एक दिन मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के यहां से इफ्तार पार्टी का निमंत्रण मिला. जिसमें जनाब रकीबुल हसन खान के नाम का संबोधन था. यह कार्ड भी तारा ने कोर्ट के हवाले किया है. तारा ने बताया कि उनके बीच दरार तब पैदा हुई, जब नौ जुलाई को रंजीत 20-25 हाजी को लेकर घर पहुंच गया और जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव देने लगा. इस दौरान विरोध करने पर उसके साथ मारपीट की गई. कई बार कुत्ते से कटवाया गया, ताकि वह डर से धर्म परिवर्तन कर ले.
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