Joharlive Desk
लुकुंग (लद्दाख) । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत एवं चीन के बीच सीमा विवाद का बातचीत से समाधान की कोई गारंटी नहीं है लेकिन यह तय है कि दुनिया की कोई ताकत भारत की एक इंच भूमि भी नहीं ले सकती है।
जवानों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वाभिमान सबसे ऊपर है और इसलिए इससे समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वाभिमान ने ही देश को आजादी दिलाई है।
राजनाथ ने कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए दोनों ही पक्षों के बीच बातचीत जारी है। मैं आपको आश्वासन दिलाना चाहता हूं कि भारत की एक इंच जमीन को भी दुनिया की कोई ताकत नहीं छू सकती है। उन्होंने कहा कि भारत ने कभी किसी की जमीन पर कब्जा नहीं किया है। हम क्षेत्र में अशांति नहीं, बल्कि शांति चाहते हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर किसी ने भारत के स्वाभिमान पर चोट पहुंचाई तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने जवानों से कहा कि मुझे और देश को आप सब पर पूरा भरोसा है। हमें जवानों की शहादत पर दुख है।
उन्होंने कहा कि जवानों की शहादत को हिंदुस्तान नहीं भूलेगा, आज तक भारत ने किसी की एक इंच जमीन पर कब्जा नहीं किया। उन्होंने कहा कि एलएसी विवाद का हल निकालना चाहिए। विवाद कहां तक होगा कह नहीं सकते। विवाद सुलझाने के लिए बातचीत चल रही है।
रक्षा मंत्री वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत एवं चीन की सेनाओं के हटने की प्रक्रिया की समीक्षा के लिए आज लद्दाख पहुंचे। उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाॅफ जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुन्द नरवणे भी थे।
श्री सिंह ने पेगांग झील की उत्तरी सीमा पर स्थित लुकुंग अग्रिम चौकी पर भारतीय सेना और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों को संबोधित किया और सेना के टी-90 टैंकों और बीएमपी इन्फेन्ट्री युद्धक वाहनों के युद्धाभ्यास को भी देखा।
श्री सिंह ने भारत एवं चीन की सेनाओं के बीच पेगांग झील की फिंगर 4 को लेकर बने गतिरोध की जटिलता की ओर इशारा करते हुए कहा, “सीमा विवाद के समाधान के लिए बातचीत जारी है लेकिन बातचीत से किस हद तक समाधान हो सकेगा, मैं गारंटी नहीं दे सकता। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि विश्व की कोई भी शक्ति हमारी एक इंच भूमि भी नहीं ले सकती। यदि बातचीत से समाधान निकल आये तो उससे बेहतर कुछ नहीं।
रक्षा मंत्री ने गलवां घाटी में गश्त बिन्दु 14 पर 15 एवं 16 जून की दरम्यानी रात को हुई खूनी झड़प का उल्लेख करते हुए कहा कि उन्हें यहां आकर खुशी हो रही है और साथ ही इस बात का दुख भी है कि भारत के 20 जवान शहीद हो गये हैं।