वाराणसी : रूस और यूक्रेन के बीच लंबे वक्त से जारी तनाव ने अब युद्ध की रूप ले लिया है। इस बीच भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत शांती चाहता है। ऐसी कोई भी स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए जिससे युद्ध को बढ़ावा मिले। साथ ही रक्षा मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार छात्रों सहित अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए सभी उपाय कर रही है।
वहीं, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने गुरुवार को कहा कि विदेश मंत्रालय (MEA) यूक्रेन के छात्रों सहित लगभग 18 हजार भारतीयों को वापस लाने की कोशिशों में लगा हुआ है। यूक्रेन ने सुरक्षा के मद्देनजर नागरिक विमानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है। कीव स्थित भारतीय दूतावास ने कहा है कि यूक्रेन से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है। जानकारी एक एडवाइजरी के माध्यम से दी गई थी जो कि डोनबास क्षेत्र में रूसी सैन्य अभियानों की पृष्ठभूमि में जारी की गई थी। दूतावास ने कहा कि यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण विशेष उड़ानों के संचालन को रद्द कर दिया गया है।
गौरतलब है कि रूस द्वारा डोनबास क्षेत्र में सैन्य कार्रवाई शुरू करने के तुरंत बाद, यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने गुरुवार को मास्को के साथ अपने राजनयिक संबंध समाप्त करने के संबंध में घोषणा की थी। रूसी समाचार एजेंसी स्पुतनिक ने जेलेंस्की के हवाले से बताया कि ‘रूस द्वारा सैन्य कार्रवाई के बीच कीव-मास्को के साथ राजनयिक संबंध समाप्त कर रहा है।” वर्ष 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन ने स्वतंत्रता हासिल की थी।
वहीं, इससे पहले गुरूवार को दिन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि डोनबास क्षेत्र में लोगों की रक्षा के लिए विशेष सैन्य अभियान शुरू किए जा रहे हैं। इस दौरान पुतिन ने अन्य देशों को देते हुए कहा कि रूस द्वारा की जा रही कार्रवाई में हस्तक्षेप करने के किसी भी प्रयास के घातक परिणाम होंगे। यूके, यूएस, कनाडा और यूरोपीय संघ सहित कई देशों के नेताओं ने डोनबास क्षेत्र में रूस के सैन्य अभियानों की निंदा की है।
रूस के सैन्य अभियानों के बीच, यूक्रेन ने मार्शल ला पेश किया है। उसे नागरिकों से शांत रहने का आग्रह किया है। यूक्रेन ने “विमानन सुरक्षा के उच्च जोखिम के कारण” नागरिक विमानों के लिए हवाई क्षेत्र को बंद कर दिया है।