रांची: हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली महागठबंधन सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचने के मामले में जांच कर रही ईडी ने मंगलवार को विधायक राजेश कच्छप से करीब नौ घंटे तक पूछताछ की। राजेश कच्छप ने ईडी को बताया कि बीते साल 30 जुलाई को कोलकाता में 49 लाख रुपये के साथ उन्हें और उनके दो साथी विधायकों को गलत सूचना के आधार पर पकड़ा गया था।
उस 49 लाख रुपये में उनके रुपये भी थे। उनका खनन का कारोबार है और उसी कारोबार में राशि मिली थी, जिसे लेकर वे कोलकाता गए थे। वे इससे संबंधित दस्तावेज ईडी को सौंप देंगे।
इरफान अंसारी के बयान को दोहराया
एक दिन पहले ईडी ने विधायक इरफान अंसारी से पूछताछ की थी। राजेश कच्छप ने भी ईडी की पूछताछ में इरफान अंसारी के बयान को ही दोहराया है। उन्होंने कहा कि उन्हें षड्यंत्र के तहत फंसाया गया है। सरकार गिराने का षड्यंत्र उन लोगों ने कभी नहीं रचा।
बदनाम करने की साजिश
उन्होंने कहा कि उन्हें पार्टी से लेकर सरकार के स्तर तक बदनाम करने के लिए किया गया। ईडी ने उनसे कोलकाता में बीते साल 30 जुलाई को 49 लाख रुपये के साथ गिरफ्तारी के बारे में भी सवाल किया तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि यह राशि उनके और दोनों साथी विधायक इरफान अंसारी व नमन विक्सल कोंगाड़ी के थे, जिससे वे लोग क्षेत्र की महिलाओं के लिए साड़ी खरीदने पहुंचे थे। गलत सूचना देकर उन्हें कोलकाता में पकड़वाया गया था।
अनूप सिंह के बयान को किया खारिज
राजेश कच्छप ने अपने साथी कांग्रेसी विधायक अनूप सिंह के उस बयान को भी खारिज किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि हेमंत सोरेन की सरकार गिराने का षड्यंत्र रचा गया था और अनूप सिंह को दस करोड़ रुपये के साथ-साथ मंत्री पद आफर किया गया था।